भगवान शिव के 11 रुद्र रूपों की पूजा करने से दूर होती हैं बाधाएं

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ज्योति त्रिवेदी /धर्म डेस्क : सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है। कहा जाता है कि अगर सोमवार को भगवान शिव की सच्चे मन से पूजा की जाए तो सारे कष्टों से मुक्ति मिलती है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। शिव जी सदा अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं। मान्यता है कि भगवान शिव को ख़ुश करने के लिए सोमवार को सुबह-सुबह उठकर स्नान करके उनकी आराधना करनी चाहिए।

कहते हैं कि इस दिन सच्चे मन से भगवान शिव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। भगवान शिव को भी स्वयंभू कहा जाता है। भगवान शिव सृष्टि के संहारक हैं। उनके संहारक स्वरूप को रुद्र कहा जाता है। रुद्र के 11 रूपों की कथा वेद-पुराणों में वर्णित है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं भगवान शिव के रुद्र रूपों के बारे में…

शम्भू
ब्रह्मविष्णुमहेशानदेवदानवराक्षसाः ।
यस्मात्‌प्रजज्ञिरे देवास्तं शम्भुं प्रणमाम्यहम्‌॥
पिनाकी
क्षमारथसमारूढ़ं ब्रह्मसूत्रसमन्वितम्‌।
चतुर्वेदैश्च सहितं पिनाकिनमहं भजे ॥
गिरीश
कैलासशिखरप्रोद्यन्मणिमण्डपमध्यमगः ।
गिरिशो गिरिजाप्राणवल्लभोऽस्तु सदामुदे ॥
स्थाणु
वामांगकृतसंवेशगिरिकन्यासुखावहम्‌।
स्थाणुं नमामि शिरसा सर्वदेवनमस्कृतम्‌॥
भर्ग
चंद्रावतंसो जटिलस्रिणेत्रोभस्मपांडरः ।
हृदयस्थः सदाभूयाद् भर्गो भयविनाशनः ॥
भव
योगीन्द्रनुतपादाब्जं द्वंद्वातीतं जनाश्रयम्‌।
वेदान्तकृतसंचारं भवं तं शरणं भजे ॥
सदाशिव
ब्रह्मा भूत्वासृजंल्लोकं विष्णुर्भूत्वाथ पालयन्‌।
रुद्रो भूत्वाहरन्नंते गतिर्मेऽस्तु सदाशिवः ॥
शिव
गायत्री प्रतिपाद्यायाप्योंकारकृतसद्मने ।
कल्याणगुणधाम्नेऽस्तु शिवाय विहितानतिः ॥
हर
आशीविषाहार कृते देवौघप्रणतांघ्रये ।
पिनाकांकितहस्ताय हरायास्तु नमस्कृतः ॥
शर्व
तिसृणां च पुरां हन्ता कृतांतमदभंजनः ।
खड्गपाणिस्तीक्ष्णदंष्ट्रः शर्वाख्योऽस्तु मुदे मम ॥
कपाली
दक्षाध्वरध्वंसकरः कोपयुक्तमुखाम्बुजः ।
शूलपाणिः सुखायास्तु कपाली मे ह्यहर्निशम्‌॥

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