सीएम योगी के मठ में हमले के पीछे आतंकी साजिश?

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गोरखपुर के प्रसिद्ध गोरखनाथ मंदिर में रविवार शाम पीएसी जवानों पर हमला एक सनकी की करतूत है या इसके पीछे कोई आतंकी साजिश है? सीएम योगी आदित्यनाथ का मठ होने और यहां उनकी अक्सर आवाजाही को लेकर प्रशासन मामले को बेहद गंभीरता से ले रही है। एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) ने मामले की जांच शुरू कर दी है। हमलावर के खिलाफ गोरखनाथ थाने में दो अलग-अलग मुकदमा दर्ज हुआ है

एसपी एटीएस अभिषेक सिंह इस मामले की जांच के लिए गोरखपुर पहुंचे हैं। एटीएस ने हमलावर अहमद मुर्तुजा अब्बासी के परिजनों से पूछताछ शुरू कर दी है। मुर्तजा से भी पूछताछ की जाएगी और पता लगाया जाएगा कि हमले के पीछे उसका मकसद क्या है। हमले के बाद रविवार रात को ही एटीएस ने मुर्तजा के परिजनों को हिरासत में ले लिया था। परिवार का दावा है कि मुर्तजा की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। आरोपी के पुलिस मिले बैग में लैपटॉप, मुंबई का हवाई टिकट भी मिला है। उसके लैपटॉप की जांच से यह पता लगाने की कोशिश की जाएगी कि वह किन लोगों के संपर्क में था। 

टेरर एंगल से इनकार नहीं: एडीजी
एडीजी जोन अखिल कुमार ने कहा कि गोरक्षपीठ काफी प्रसिद्ध और अहम स्थान है। मुख्यमंत्री का भी आना-जाना रहता है। यहां ऐसी घटना बहुत गंभीर है। आरोपी लगातार हमले करता जा रहा था। पुलिस ने काफी धैर्य रखा। हमले के दौरान आरोपी धार्मिक नारे भी लगा रहा था। सभी पहलुओं की पड़ताल कर रहे हैं। टेरर एंगल को भी खारिज नहीं कर सकते हैं।

खुद को सनकी जैसा दिखाना गुमराह करने की कोशिश तो नहीं?
पुलिस की प्राथमिक पूछताछ में मालूम हुआ है कि अहमद मुर्तुजा अब्बासी ने मुंबई से केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। उसके पिता मुनीर अहमद भी इंजीनियर हैं। पहले मुर्तुजा का पूरा परिवार मुंबई में ही रहता था। अक्तूबर 2020 में ये परिवार गोरखपुर आकर सिविल लाइंस में रहने लगा। पकड़े जाने के बाद से ही वह इस तरह का बर्ताव कर रहा है जिससे उसकी मानसिक स्थिति खराब लग रही है। लेकिन इस बात की भी जांच की जा रही है कि सच में वह सनकी है या शातिर चाल से गुमराह करने की कोशिश कर रहा है।

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हमलावर के फरार साथी की तलाश में पुलिस
गोरखनाथ मंदिर सुरक्षा में तैनात पीएसी के दो जवानों पर रविवार की देर शाम धारदार हथियार लेकर एक सिरफिरे ने हमला कर दिया। हमलावार को सुरक्षाकर्मियों पकड़ लिया गया। आशंका जताई जा रही है कि उसका एक अन्य साथी भी था। इसी आशंका में मंदिर परिसर में संदिग्ध की तलाश की गई। आसपास के इलाके में भी देर रात तक तलाशी जारी रही। हालांकि कोई दूसरा संदिग्ध नहीं मिला। इधर, घटना की जानकारी पाते ही पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंच गए। घायल जवानों को गोरक्षनाथ चिकित्सालय ले जाया गया। प्राथमिक इलाज के बाद दोनों को मेडिकल कालेज में भर्ती करा दिया गया।

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