घर में सुख-समृद्धि के लिए इस विधि से करें भगवान शिव की पूजा…

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ज्योति त्रिवेदी/धर्म डेस्क: फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा विधि-विधान से की जाती है। आज चारों तरफ़ शिव मंदिरों में शिव भक्तों की भीड़ उमड़ेगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव, लिंग के रूप में प्रकट हुए थे। वहीं कुछ मान्यताओं के अनुसार, आज के दिन भगवान शिव और देवी पार्वती का विवाह हुआ था। शिवपुराण के अनुसार, इस दिन भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा अर्चना और व्रत करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है।

इस दिन हुए थे भक्तों को शिवलिंग रूप के दर्शन
पुराणों के अनुसार भगवान शिव ने महाशिवरात्रि के दिन ही अपने भक्तों को शिवलिंग के रूप में दर्शन दिए थे। उस दिन से यह दिन बेहद ख़ास माना जाता है। और इस दिन शिवलिंग का अभिषेक करने का भी ख़ास महत्व है। मान्यता है कि यदि पूरे विधि-विधान से महाशिवरात्रि के दिन रूद्राभिषेक किया जाए, तो शिव जी हर मनोकामना पूरी करे देते हैं।

पूजा विधि
महाशिवरात्रि के दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर भगवान शिव का ध्यान रखकर व्रत का संकल्प लें। इसके बाद शिवलिंग का पंचामृत से अभिषेक करें। शिवलिंग पर एक-एक करके जल, दूध, दही, शहद, घी आदि अर्पित कर, आख़िर में जल चढ़ाएं। इसके बाद भगवान शिव को चंदन, भभूत का तिलक लगाकर बेलपत्र, शमीपत्र, भांग, धतूरा, फल, फूल, मिष्ठान, पान, सुपाड़ी, इलायची, लौंग, इत्र और कुछ दक्षिणा अर्पित करें।

इस दौरान शिव जी के पंचाक्षरी मंत्र ‘ॐ नम: शिवाय’ या फिर महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें। आखिर में भगवान शिव को केसर युक्त खीर का भोग लगाएं और फिर सभी को प्रसाद के रूप में अर्पित करें।
मान्यता है कि इस तरह पूरे विधि-विधान से महाशिवरात्रि के दिन रुद्राभिषेक करने से जीवन की सारी परेशानियां और दुख दूर हो जाते हैं और घर में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है।

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