धान की फसल में किसान नमक का क्यूं करते है छिड़काव, इससे धान की फसल को होगा क्या फायदा और नुकसान

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रायबरेली : धान की रोपाई के बाद किसान हर संभव प्रयास करता है कि हमारी फसल हरी – भरी लहलहाती रहे और फसल से अधिक से अधिक पैदावार किया जा सके। इसी कड़ी में किसान फसल की अच्छी देखभाल में यह भी चाहता है कि फसल रोग मुक्त रहे। धान की फसल में प्रायः खैरा रोग, जड़ गलन रोग कंडवा रोग इत्यादि व्याधियां उत्पन्न हो जाती है। जिससे फसल के बचाव के लिए किसान तरह – तरह की रासायनिक दवाओं का प्रयोग करके धन की फसल को रोग मुक्त करना चाहता है । इन रासायनिक दवाओं से फसल रोग मुक्त तो हो जाता है परंतु किसान की लागत बढ़ जाती है वहीं रसायनिक दवाओं के प्रयोग से फसल की उत्पादकता और भूमि की उर्वरता प्रभावित होती है। रसायनिक दवाओं के प्रयोग से किसान भाई अपनी धान की फसल को रोग मुक्त करने के लिए प्रति एकड़ 15 किलोग्राम खड़े नमक का घोल बनाकर धान की फसल में छिड़काव करने से फसल रोग मुक्त रहती है। इसके अलावा अल्प वर्षा के कारण धान की खेतों में दरार पड़ जाने से फसल का पीला पन भी दूर हो जाता है।
लगातार नमक के छिड़काव करने के नुकसान

खेतों में नमक का छिड़काव करने से रोग से फसल का बचाव तो होता है। परंतु लगातार इसका छिड़काव करने से हमारे खेत की मिट्टी बंजर होने लगती है। जिसका सीधा प्रभाव हमारे फसल उत्पादन पर पड़ता है। इसका ज्यादा मात्रा में प्रयोग करने पर खेत की मिट्टी का pH मान बढ़ जाता है एवं भूमि में लवणीय तत्वों की मात्रा में भी बढ़ोत्तरी हो जाती है। इसीलिए जरूरी है कि फसल में किसी भी कीटनाशक एवं रसायन का प्रयोग करने से पहले कृषि विशेषज्ञ से सलाह जरूर लेनी चाहिए ।कृषि विशेषज्ञ की सलाह के अनुसार ही उचित मात्रा में इन सभी चीजों का प्रयोग करना चाहिए।

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