ज्योति त्रिवेदी /धर्म डेस्क : आईए जानते हैं पूजा विधि और कितने समय से होगी प्रारंभ। जैसा कि आप सभी जानते हैं हिंदू पंचांग के अनुसार महाशिवरात्रि का व्रत बड़े ही हर्षों उल्लास के साथ मनाया जाता है और इस दिन माता पार्वती और भगवान शंकर की पूजा की जाती है सभी शिवलिंग में भगवान भोलेनाथ के साथ-साथ माता पार्वती की असीम कृपा बनी रहती है प्रत्येक मंदिरों में प्रत्येक शिवलिंग पर भोलेनाथ की महिमा बनी रहती कहा जाता है इस दिन प्रत्येक शिवलिंग पर भगवान भोलेनाथ स्वयं विराजमान होते हैं इसलिए महाशिवरात्रि का पर्व बड़ी ही खुशी के साथ मनाया जाता है कहा जाता है कि इस दिन माता पार्वती और भगवान शिवजी का विवाह हुआ था जिसमें की अनेकों प्रकार के बाराती भूत प्रेत पिशाच गए थे आज भी हम धरती पर इस परंपरा के अनुसार भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती का विवाह आज भी मानते हैं ।
आईए जानते हैं कितने समय से कितने समय तक रहेगी महाशिवरात्रि फाल्गुन मास कृष्ण पक्ष तिथि चतुर्दशी तिथि को मनाया जाएगा महाशिवरात्रि का व्रत। प्रारंभ होगा 8 मार्च रात्रि 9:57 से शुरुआत होगी और 9 मार्च शाम 6:17 पर समाप्त होगी प्रदोष रखने वाले व्यक्तियों को उदया तिथि मालूम होना बहुत जरूरी है इसलिए प्रदोष व्रत 8 मार्च 2024 को रखा जाएगा । शिवजी की पूजा व्रत का मुहूर्त महाशिवरात्रि होगी 8 मार्च दिन शुक्रवार को 6:25 से प्रारंभ होकर 9:28 तक मनाई जाएगी ।किस प्रकार करें भगवान भोलेनाथ का पूजन। सबसे पहले हमें ब्रह्म मुहूर्त में उठ करके अपने घर की साफ सफाई के साथ-साथ हमें सुबह स्नान करके और भगवान भोलेनाथ का मन ही मन ओम नमः शिवाय का जाप करना चाहिए और भगवान भोलेनाथ को हमेशा अपने हृदय में स्मरण करना चाहिए। पूजा सामग्री ।
गंगाजल, बेलपत्र ,धूप, दीप, कपूर ,पुष्प ,भांग ,धतूरा, मदार,चंदन ,केसर, सहद ,इत्र, गुलाल, क्योंकि इस दिन से होली की भी तैयारी शुरू हो जाती है इसलिए भगवान भोलेनाथ को गुलाल अवश्य चढ़ाना चाहिए। किस प्रकार करें भगवान शिव की पूजा । सबसे पहले महिलाओं को एक विशेष बात का ध्यान रखना चाहिए जो महिलाएं महाशिवरात्रि का व्रत रखना चाहती हैं वह महिला सुबह से स्नान करके स्वच्छ कपड़े पहन करके किसी मंदिर में या अपने घर के शिवलिंग में पूजा करें लेकिन वह महिला सारा दिन निर्जला व्रत रखें क्योंकि महिलाएं सांय काल में ही भगवान शिव की पूजा करके फलाहार करें और जो कन्या व्रत रखती हैं वह सुबह से ही फलाहारी रह सकती है और इस दिन महिलाएं भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती का विवाह अवश्य करें अपनी श्रद्धा के अनुसार भोलेनाथ को चढ़ाए पुष्प भांग धतूरा मदार केला और आटे का चूरमा लेकिन माता पार्वती को सभी श्रृंगार का सामान और चुनरी अवश्य चढ़ाएं क्योंकि जो महिलाएं व्रत करेगी वह सारा श्रृंगार का सामान चढ़कर माता को चुनरी अवश्य चढ़ाएंअगर आप भोलेनाथ की पूजा करते और माता पार्वती की पूजा नहीं करती है तो माता पार्वती हो जाती है नाराज ।
इस दिन महिलाएं कीर्तन भजन के साथ-साथ होली गीत अवश्य गए क्योंकि शिवरात्रि से ही होली की तैयारी शुरू हो जाती है आधा फागुन समाप्त हो जाता है। क्या आप जानते हैं भगवान भोलेनाथ को हम क्यों चढ़ाते हैं भांग धतूरा मदार बेलपत्र गांजा आदि भगवान शिव कोई भांग धतूरा गांजा मदार यह सब खाते नहीं थे क्योंकि जो हम भांग धतूरा बेलपत्र मदार गांजा आदि चढ़ाते हैं वह हम संकल्प लेते हैंभगवान भोलेनाथ से की आज से हम अपने पांचो विकारों को आप पर समर्पित करते हैं हे भोलेनाथ हमारे अंदर जो भी पांच विकार हैं उन्हें आप ले लीजिए वह पांच विकार हमारे समाप्त कर दीजिए हमें एक अच्छा और सुंदर व्यक्ति बनाये हमारे जीवन में जो भी दिक्कतें इन विकारों के कारण होती है उन्हें सब नष्ट कर दीजिए ।