लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को देखते हुए आदेश जारी किया कि वर्तमान में कतिपय जनपदों के कुछ क्षेत्र बाढ़ से प्रभावित होने के कारण वहां फसल को नुकसान हुआ है। ऐसे सभी बाढ़ प्रभावित जिलों में राजस्व और कृषि विभाग की टीमें गहन सर्वेक्षण करते हुए फसल नुकसान का आकलन करें, ताकि प्रभावित किसानों को क्षतिपूर्ति की जा सके।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पशुधन की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। साथ ही, पशुचारे का पर्याप्त प्रबन्ध किया जाए। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में विभिन्न जलजनित बीमारियों के प्रसार की आशंका होती है। साथ ही, सर्पदंश की घटनाएं बढ़ने की भी संभावना रहती है। ऐसे में राहत शिविरों के समीप स्वास्थ्य शिविर संचालित किए जाएं। यहां एंटी स्नेक वेनम की उपलब्धता जरूर रहे।
शिविरों में ORS पैकेट का वितरण भी किया जाए। जिन जनपदों में अतिवृष्टि के कारण संभावित बाढ़ और जल-जमाव की आशंका है, उन जनपदों के अधिकारी पूरी सतर्कता बरतें और क्षेत्र भ्रमण कर प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता सुलभ कराएं।
आकाशीय बिजली, अतिवृष्टि या अन्य प्राकृतिक आपदा से हुई मृत्यु की दशा में ₹4 लाख अनुमन्य है। 24 घंटे के अन्दर अनुमन्य राहत राशि स्थानीय जनप्रतिनिधि के माध्यम से प्रभावित परिवार को वितरित की जाए। बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत पैकेट के वितरण में देरी नहीं होनी चाहिए। राहत शिविरों में प्रकाश आदि की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए।
आपदा कंट्रोल रूम को 24 घंटे क्रियाशील रखा जाए।
नदियों के जलस्तर तथा तटबन्धों की लगातार पेट्रोलिंग करके निगरानी की जाए। सभी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्य हेतु आवश्यकतानुसार NDRF, SDRF, PAC यूनिट की तैनाती की जाए।