उत्तर कोरिया ने गुरुवार को 262,270 संदिग्ध कोविड-19 मामलों की सूचना दी थी जिससे देश का टोटल केसलोड 20 लाख के करीब पहुंच गया है। गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मार्च 2020 में कोविड-19 को एक महामारी घोषित किया। लेकिन उत्तर कोरिया ने हाल फिलहाल, मई 2022 में, वायरस के अपने पहले पुष्ट मामलों की सूचना दी। इसके बाद से देश में कोरोना का गंभीर संकट बढ़ रहा है।
देश अपनी नाजुक अर्थव्यवस्था को भी और बिगड़ने से रोकने की कोशिश कर रहा है, लेकिन यहां कोरोना का प्रकोप आधिकारिक तौर पर रिपोर्ट किए जाने से भी बदतर हो सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि देश में वायरस परीक्षण और अन्य स्वास्थ्य देखभाल संसाधनों की कमी है। इसके अलावा सत्तावादी नेता किम जोंग उन पर राजनीतिक प्रभाव को कम करने के लिए मौतों को कम करके आंका जा सकता है।
हालांकि यह कुछ हद तक आश्चर्यजनक लग सकता है कि एक देश इतने समय तक बीमारी के प्रकोप से बचे रहने में कामयाब रहा, लेकिन उत्तर कोरिया ने जनवरी 2020 से अपनी सीमाओं को सील कर दिया था, देश में या उसके बाहर कोई आवाजाही नहीं रही। तो यह प्रशंसनीय है कि वहां कोविड का नामो-निशान नहीं था।
लेकिन अब, वही देश, जिसकी आबादी लगभग दो करोड़ 60 लाख है वह वायरस के ओमिक्रोन वेरिएंट के एक बहुत बड़े और तेजी से फैलने वाले प्रकोप का सामना कर रहा है। 17 मई तक, ‘‘बुखार’’ के 14 लाख मामले सामने आए थे, जिसमें अप्रैल के अंत से 56 मौतें हुई थीं। टेस्टिंग सुविधाओं की कथित कमी के कारण देश बुखार को कोविड संक्रमण के संकेत के रूप में मान रहा है। अब तक 63 लोगों की मौत की खबर है।
आधिकारिक कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी ने कहा कि अप्रैल के अंत से अब तक 1.98 मिलियन (करीब 20 लाख) से अधिक लोग बुखार से बीमार हो चुके हैं। माना जाता है कि अधिकांश को कोविड-19 है, हालांकि केवल कुछ ही ओमिक्रॉन वेरिएंट के संक्रमणों की पुष्टि की गई है। समाचार एजेंसी ने बताया कि कम से कम 740,160 लोग क्वरंटाइन में हैं।
परमाणू परीक्षण करने को तैयार किम जोंग उन
विशेषज्ञों के अनुसार, अभी तक सामने आए मामलों में से अधिकतर लोगों के कोरोना वायरस के ‘ओमीक्रोन’ स्वरूप से संक्रमित होने की आशंका है। देश के नता किम जोंग-उन ने इस प्रकोप को बेहद चिंताजनक बताते हुए और कई कड़े कदम उठाए हैं, जिसमें लोगों की आवाजाही और आपूर्ति पर प्रतिबंधित शामिल है।
कोरोना के कथित गंभीर संकट से जूझ रहे उत्तर कोरिया की परमाणू परीक्षण की तैयारी है। पड़ोसी देश दक्षिण कोरिया की जासूसी एजेंसी ने गुरुवार को सांसदों को बताया कि उत्तर कोरिया ने परमाणु परीक्षण करने के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। यह उत्तर कोरिया का कुल सातवां और 2017 के बाद से इसका पहला परमाणू टेस्ट होगा।