तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने शुक्रवार को कहा कि उनकी सरकार दिल्ली की ही तरह दक्षिणी राज्य तमिलनाडु में मॉडल स्कूल बनाने जा रही है। उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से उन स्कूलों का दौरा करने के लिए आमंत्रित किया। स्टालिन ने केजरीवाल के साथ आज दिल्ली सरकार के एक स्कूल का दौरा करने के बाद यह बता कही। इस दौरान अधिकारियों ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री को ‘आप’ सरकार बनने के बाद दिल्ली की शिक्षा प्रणाली में किए गए बदलावों के बारे में भी जानकारी दी।
एक अधिकारी ने स्टालिन को बताया कि दिल्ली सरकार पिछले छह से सात साल से लगातार अपने बजट का करीब 25 फीसदी शिक्षा पर खर्च कर रही है। उन्होंने कहा कि 2014-15 में सरकारी स्कूलों का 12वीं कक्षा में पास प्रतिशत 88 था, जो निजी स्कूलों से कम था। निजी स्कूलों में 92 प्रतिशत की तुलना में 2019-20 में यह आंकड़ा बढ़कर 98 प्रतिशत हो गया। स्टालिन ने कहा कि उनकी सरकार दक्षिणी राज्य में दिल्ली के मॉडल स्कूलों की नकल कर रही है।
तमिलनाडु में सत्ता में आने के बाद हम शिक्षा और चिकित्सा क्षेत्रों को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहे हैं। जैसे दिल्ली में मॉडल स्कूल चल रहे हैं, वैसे ही हम तमिलनाडु में भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम वहां काम पूरा होने के बाद मुख्यमंत्री केजरीवाल को आमंत्रित करेंगे। उन्हें आना चाहिए, मैं उन्हें तमिलनाडु के लोगों की ओर से आमंत्रित करता हूं।
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केजरीवाल ने स्टालिन से कहा कि सरकारी स्कूलों के प्राचार्यों को विदेश में ट्रेनिंग के लिए भेजा जाता है और शिक्षकों को भारतीय प्रबंधन संस्थानों में प्रशिक्षित किया जाता है। इस दौरान उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने स्टालिन से कहा कि दिल्ली सरकार बच्चों को रटने के बजाय दिमागी शिक्षा की ओर ले जा रही है।
जब स्टालिन ने अंग्रेजी के मामले में सुधार के बारे में पूछा तो केजरीवाल ने उन्हें बताया कि उन्होंने अंग्रेजी में शिक्षकों को ट्रेंड करने के लिए ब्रिटिश काउंसिल और अमेरिकी दूतावास के साथ करार किया है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने स्टालिन को नए शिक्षा बोर्ड, हैप्पीनेस करिकुलम, देशभक्ति पाठ्यक्रम और बिजनेस ब्लास्टर्स कार्यक्रम के बारे में भी जानकारी दी। केजरीवाल ने स्टालिन से कहा कि उनकी सरकार ने पहले कुछ वर्षों में स्कूल के बुनियादी ढांचे में सुधार पर ध्यान केंद्रित किया।
उन्होंने कहा कि हमारे पास स्विमिंग पूल सहित तमाम खेल सुविधाएं हैं। कोई सरकारी स्कूलों में स्विमिंग पूलों के बारे में सोच भी नहीं सकता, हमारे पास बहुत अच्छा बुनियादी ढांचा है। उन्होंने कहा कि दूसरे चरण में, हमने सभी प्रिंसिपल्स और टीचर्स को ट्रेनिंग के लिए भेजना शुरू किया। वे अब ऊर्जा और आत्मविश्वास से भरे हुए हैं। अब हम स्कूलों में पढ़ाए जाने वाले सामग्री पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।