कोरोना वायरस महामारी के बाद से ही पर्यटन में कमी के चलते श्रीलंका की अर्थव्यवस्था मुश्किल दौर से गुजर रही है। मौजूदा स्थिति को देखें तो नागरिक हर रोज 13 घंटे बिजली कटौती का सामना कर रहे हैं।
श्रीलंका में आर्थिक हालात को लेकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी हैं। इसी बीच पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को चेतावनी दी है कि हिंसा करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही पुलिस ने लोगों से कानून अपने हाथ में नहीं लेने की सलाह भी दी है। हिंसक प्रदर्शनकारियों पर नकेल कसने के लिए पुलिस वीडियो फुटेज खंगाल रही है। देश के लोगों को दवाओं और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाएं भी पर्याप्त नहीं मिल पा रही हैं।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, पुलिस ने सोमवार रात कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया है। साथ ही उन्होंने कहा है कि आने वाले दिनों में वीडियो फुटेज की मदद से हिंसकों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। पुलिस ने कहा, ‘हिंसा का मतलब है प्रदर्शनकारियों को वैज्ञानिक, तकनीकी और वीडियो सबूत के इस्तेमाल कर गिरफ्तार करना। सभी से अुरोद किया जाता है कि हिंसा में शामिल न हों।’
पुलिस की तरफ से बयान जारी किया गया, ‘कल श्रीलंका के कई हिस्सों में विरोध और प्रदर्शन की खबरें आई थी, जिनमें आगजनी, हमले और हिंसा से जुड़ी दूसरी गतिविधियां शामिल थी। अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है, कुछ की पहचान वीडियो सबूत के जरिए की गई है और भविष्य में उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।’
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4 अप्रैल को बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों को राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे और प्रधानमंत्री महिंद्रा राजपक्षे के घर की ओर जाते देखा गया था। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने नाराजगी का सामना किया और बैरिकेड तोड़ दिए। श्रीलंका पुलिस का कहना है कि उन्होंने विरोध पर प्रतिबंध नहीं लगाया है, लेकिन विरोध करने वालों को काम शांति से करना चाहिए।
स्वास्थ्य व्यवस्था भी चरमराई!
इधर, श्रीलंका में अब दवाओं की भी गंभीर कमी हो गई है। जिसके चलते सरकार ने स्वास्थ्य आपातकाल की घोषणा कर दी है। खबर है कि हाल ही में हुई गवर्नमेंट मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन की बैठक के बाद यह फैसला लिया गया है।
खास बात है कि कोरोना वायरस महामारी के बाद से ही पर्यटन में कमी के चलते श्रीलंका की अर्थव्यवस्था मुश्किल दौर से गुजर रही है। मौजूदा स्थिति को देखें तो नागरिक हर रोज 13 घंटे बिजली कटौती का सामना कर रहे हैं।