धर्म डेस्क / ज्योति त्रिवेदी : हिंदू धर्म में पूजा पाठ का बहुत ही बड़ा महत्व है और इस प्रकार करें पूजा कहा जाता है कि कोई पूजा बिना श्रद्धा भक्ति के नहीं करना चाहिए क्योंकि बगैर श्रद्धा भाव के की हुई पूजा कोई भी देवी देवता स्वीकार नहीं करते हैं जब कोई मुसीबत परेशानी हो तो हम भगवान को याद करते हैं कहा जाता है की शादी विवाह मुंडन करने के बाद आसन माता की पूजा अवश्य करें।
अवसान माता पूजा सामग्री
चूड़ी बिंदी सिंदूर लौंग इलायची कपूर हवन सामग्री धूप बत्ती घी बत्ती गुड पान आम का पल्लू आम का पत्ता तांबे के दो लोटा एक कटोरी चावल लाल आसन का कपड़ा 5:15 किलो लिया लाई आधा किलो भून चना शव 2 किलो गुड़ या पैदा 22 सुहागिन महिलाएं मिट्टी के साथ गोल टुकड़े रखें गौरी सुपारी में कलावा लपेटी हुई और श्याम माता
पूजा विधि
अवसान माता की पूजा केवल बृहस्पतिवार के दिन या फिर शादी विवाह में तेल पूजन के दिन कोई भी दिन पड़े या यह पूजा करना अनिवार्य है शादी विवाह मुंडन छेदन में माता की पूजा करते हैं तो इससे अनगिनत सुहागानों को बुलाया जाता है सबसे पहले सभी महिलाओं को बुलाकर पूजा प्रारंभ करनी चाहिए अपने आंगन के बीचो-बीच में पूजा प्रारंभ करें आंगन में एक साथ पत्ता रखकर उसमें जल छिड़क उसके बाद जो दो तांबे के लोटे हैं दोनों में जल ले एक में आपको कलश रखना है और दूसरे से पूजा करनी है पत्ता रखकर उसमें जल छिड़क उसके बाद लाल कपड़े का आसान बिछाए फिर मिट्टी की ढीले रखकर दिलों के बीचो बीच में गौरी और कलवा में लपेटी सुपारी रखें और तांबे के लोटे में कलश रखें उसमें गंगाजल जल सुपारी पैसे का सिक्का होली आम का पल्ला और कटोरी में चावल रखकर भगवान का और उसके ऊपर घी का दीपक जलाकर भगवान गणेश का आव्हान करें याद करें उसके बाद चूड़ी बिंदी सिंदूर लौंग इलाइची पुष्प आदि चढ़कर सभी महिलाएं समेत पूजा अर्चना करें और लाई चन्ना गुड पेड़ा को 22 कुंदन में कूड़ा लगे उसके बाद सभी महिलाओं को पहुंचा दे फिर कथा कहें और कथा समाप्त होने पर आग में हवन करें फिर दो लौंग रखकर आम पान के पत्ते पर कपूर की आरती जलाएं आरती कहे बाद में सभी महिला अपने को अच्छे से लाइ गुड पेड़ा खाकर पानी पिए बाद में गोरी से सुहागन ले सुहाग ले और माता से अपनी मनौती पूरी करने की कथा कहें इस विधि से पूजा करने से सभी दुख दरिद्र समाप्त होते हैं.