रायबरेली के दरियापुर कृषि विज्ञान केंद्र में जैविक व प्राकृतिक खेती पर एकदिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम हुआ संपन्न

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रायबरेली : आज रायबरेली के दरियापुर किसान विज्ञान केंद्र में जैविक एवं प्राकृतिक खेती पर एक दिवसीय कृषि प्रशिक्षण एवं प्रदर्शन कार्यक्रम सुनियोजित कृषि विज्ञान केंद्र के अध्यक्ष डॉक्टर आर पी एन सिंह जी की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। डॉक्टर आरपी एन सिंह ने किसानों को संबोधित करते हुए एक कहानी के माध्यम से बताया कि किस प्रकार कृषि से संबंधित ज्ञान को किस प्रकार अन्य लोगों तक पहुंचाया जाए। इस कार्यक्रमकी शुरुआत डॉक्टर ए के तिवारी अपने संबोधन से किया। और इस कार्यक्रम का आयोजन क्षेत्रीय जैविक एवं प्राकृतिक खेती केंद्र, गाजियाबाद भारत सरकार किसान कल्याण मंत्रालय कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के द्वारा किया गया। क्षेत्रीय जैविक एवं प्राकृतिक खेती का कार्यालय हापुड़ रोड पर कमला नेहरू नगर गाजियाबाद में स्थित है। इस कार्यालय से तकनीकी अधिकारी विवेक चंद्र पांडेय ने किसानों को जैविक एवं प्राकृतिक खेती को कैसे बढ़ावा दिया जाएं। भूमि की उर्वरता शक्ति कैसे बढ़ाई जाए। भूमि में कार्बन की मात्रा लगातार कम हो रहा है ।इसको कैसे बढ़ाया जाए इन सभी विषयों पर गहनता से गाजियाबाद कार्यालय से आए तकनीकी अधिकारी विवेक चंद्र पांडेय ने दिया इसके अलावा तकनीकी अधिकारी ने यह भी बताया कि जैविक खेती और प्राकृतिक खेती में क्या अंतर है और जैविक प्राकृतिक खेती से फसल की उपज को कैसे बढ़ाया जाए । इसके उपरांत एग्रो फोर्ट के जनरल मैनेजर डॉक्टर शशिकांत शुक्ला ने किसानों को संबोधित करते हुए बताया कि पौधों में पोषक तत्वों के अवशोषण के प्रक्रिया को कैसे बढ़ाएं और डॉक्टर शशिकांत शुक्ला ने भारत सरकार द्वारा पौधों में पोषक तत्वों के अवशोषण क्षमता को बढ़ाने वाले प्लांट स्टूमूलेन्ट नाम के टॉनिक का जल्द ही लॉन्च करेगी। इस कार्यक्रम में दरियापुर कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक आरके कनौजिया आरबी सिंह इत्यादि अधिकारी गण व कर्मचारी मौजूद रहें ।इसके उपरांत कृषि विज्ञान के वरिष्ठ अधिकारी डॉक्टर आरपीएन सिंह ने अवगत कराया कि इस किसान प्रशिक्षण कार्यक्रम में ही भारत सरकार द्वारा स्वास्थ्य विभाग की तरफ से बांटी जा रही फाइलेरिया की मुफ्त दवा का कार्यक्रम भी सुनियोजित है। स्वास्थ्य विभाग का कार्यक्रम डबल्यू एच ओ से आए डॉक्टर निशांत रायबरेली स्वास्थ्य विभाग से डॉक्टर अंजनी के द्वारा फेलेरिया की दवा किसानों को खिलाने के उपरांत संपन्न हुआ। कार्यक्रम के समापन पर प्रधानमंत्री “नमामि गंगे योजना ” के अनुसार किसानों को बेसन का पैकेट गुड़ का पैकेट व वर्मी कंपोस्ट के साथ केचुआ पालन का पैकेट का वितरण कर जैविक व प्राकृतिक खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया गया।

जैविक व प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण लेने वाले किसान ऊंचाहार से धर्मराज तिवारी,रामनारायण सिंह,विजय शुक्ला,विनोद यादव,अभय प्रताप सिंह,कालीचरण,जयचंद्र यादव,सतांव से राजेश,अशोक त्रिपाठी,कृष्णपाल,राजकुमार,खीरो से कमल किशोर, देशराज, शिवप्रकाश, मदन बाबू,राजेंद्र शुक्ला, संतोष कुमार , जगतपुर से छेदी लाल यादव,हरगेंद्र बहादुर, सालिकराम,लालगंज से शिवमोहन सिंह, दलबहादुर,अमरेंद्र,पंकज,ओमप्रकाश,देवनारायण,रामेश्वर,गोपीलाल,विजयशंकर इत्यादि किसानों ने जैविक एवं प्राकृतिक खेती का एकदिवसीय प्रशिक्षण लिया।

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