जानिए, कब से शुरू हो हो रही हैं चैत्र नवरात्रि?

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धर्म डेस्क / ज्योति त्रिवेदी: “आई हैं नवरात्रि, मैया का दरबार सजा है; डूबे हैं भक्त, भक्ति में, सभी का घर-बार सजा है”
चैत्र नवरात्रि की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। चैत्र नवरात्रि के 9 दिनों तक घरों एवं मंदिरों में शक्ति की देवी दुर्गा की विशेष पूजा की जाती है। हिन्दू वैदिक पंचांग के अनुसार, इसी दिन से हिंदू नववर्ष भी शुरू होता है। इसी कारण से यह वासंतिक नवरात्रि बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती हैं।

हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नवरात्रि के समय में पूरे विधि-विधान के साथ देवी के नौ रूपों की पूजा करने से व्यक्ति को शुभ फल की प्राप्ति होती है। इस बार, चैत्र नवरात्रि, 09 अप्रैल 2024 से शुरू हो रही हैं, क्योंकि प्रतिपदा तिथि 08 मार्च की रात से लग रही है। इसलिए, उदया तिथि के कारण नवरात्रि 09 अप्रैल से शुरू होंगी और 17 अप्रैल 2024 को राम नवमी मनाई जाएगी।

इस बार क्या है माता की सवारी?
हिन्दू शास्त्रज्ञों के अनुसार, इस बार माता रानी घोड़े पर सवार होकर आएंगी। अगर नवरात्रि की शुरुआत मंगलवार से हो तो माना जाता है कि मां घोड़े पर सवार होकर आती हैं, जिसे शुभ नहीं माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इससे राष्ट्र में प्राकृतिक आपदा होने की संभावना बढ़ सकती है।

कलश स्थापना मुहूर्त
इस बार नवरात्रि पर कलश स्थापना के लिए सिर्फ 50 मिनट का समय है। कलश स्थापना 09 अप्रैल को सुबह 06 बजकर 12 मिनट से सुबह 10 बजकर 23 मिनट तक कर सकते हैं। यह सामान्य मुहूर्त है, जिसकी कुल अवधि 04 घंटे 11 मिनट की है। घटस्थापना, अभिजीत मुहूर्त में दोपहर 12 बजकर 3 मिनट से 12 बजकर 53 मिनट तक है, जिसकी कुल अवधि केवल 50 मिनट की ही है।

कलश स्थापना सामग्री
हिंदू धर्म के अंदर नवरात्रि में कलश स्थापना करना बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। कलश स्थापना के लिए सात तरह का अनाज, मिट्टी का बर्तन, पवित्र स्थान से लायी गयी मिट्टी, कलश, गंगाजल, आम या अशोक के पत्ते, सुपारी, जटा वाला नारियल, लाल सूत्र, मौली, इलायची, लौंग, कपूर, रोली, अक्षत, लाल कपड़ा और फूलों की सामग्री की आवश्यकता होती है ।

हवन सामग्री
नवरात्रि में हवन सामग्री के लिए पीपल का तना और छाल, बेल, नीम, पलाश, चंदन की लकड़ी, अश्वगंधा, ब्राह्मी, मुलैठी की जड़, तिल, चावल, लौंग, गूलर की छाल, गाय का घी, गुग्गल, लोभान, इलायची, शक्कर, जौ, सूखा नारियल, कलावा और लाल रंग का कपड़ा होना आवश्यक है।

मां दुर्गा की कृपा पाने का प्रयास हर भक्ति पूरी निष्ठा के साथ करता है। माना जाता है कि अगर पूरे विधि-विधान के साथ मां दुर्गा की पूजा की जाए तो भक्तों के घर में सुख-शांति का वास होता है और साथ ही मां दुर्गा की कृपा सदैव उन पर बनी रहती है।

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