प्रदेश में मोटा अनाज (मिलेट्स) उत्पादन से किसानों को होगा अधिक लाभ

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लखनऊ : उत्तर प्रदेश में ज्वार, बाजरा, कोदो, सावाँ, रागी/मडुआ आदि मोटे अनाज की खेती, प्रसंस्करण और उपभोग बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने “उत्तर प्रदेश मिलेट्स पुनरोद्धार कार्यक्रम” को मंजूरी दे दी है। इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट 2023 के मद्देनजर लॉन्च की गई इस नई योजना के तहत 05 सालों में प्रदेश सरकार 18626.50 लाख रूपये खर्च कर रही है। इस कार्यक्रम का प्रमुख लक्ष्य है मिलेट की खेती को बढ़ावा देते हुए क्षेत्राच्छादन, उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाते हुए किसानों की आय में भी इजाफा करने के लिए वैल्यू एडीशन और मार्केटिंग के जरिए मिलेट को आम जनता की थाली तक पहुंचाना है, जिससे उन्हें संतुलित आहार अपनाने के लिए प्रेरित किया जा सके।
मिलेट्स यानी मोटा अनाज की खेती और उपभोग को प्रोत्साहित करने के लिये उत्तर प्रदेश सरकार ने ‘उ0प्र0 मिलेट्स पुनरोद्धार कार्यक्रम’ के संचालन के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी गई है। उत्तर प्रदेश मिलेट्स पुनरोद्धार कार्यक्रम नामक यह नई योजना वर्ष 2022-23 से वर्ष 2026-27 तक संचालित की जा रही है। कार्यक्रम क्रियान्वयन की इस अवधि में 18626.50 लाख रुपये का अनुमानित खर्च आंकलित है, जिसे राज्य सरकार वहन कर रही है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने मिलेट्स को “श्री अन्न” नाम देते हुए अधिक से अधिक लोगों को खाद्यान्न में अपनाने पर बल दिया है। केन्द्र सरकार द्वारा खाद्य एवं पोषण सुरक्षा के तहत मिलेट्स के उपभोग के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए वर्ष 2023 को अन्तर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष (इण्टरनेशनल ईयर आफ मिलेट्स) के रूप में मनाये जाने का निर्णय लिया गया था। प्रदेश सरकार ने प्रदेश में संचालित प्रशिक्षित कृषि उद्यमी स्वावलम्बन (एग्रीजंक्शन) योजना को अगले 5 साल के लिए संचालित करने के प्रस्ताव को अनुमति प्रदान कर दी है। कृषि क्षेत्र में प्रशिक्षित युवाओं की सेवाओं का उपयोग कर कृषि सेक्टर में रोजगार सृजन को बढ़ाने के उद्देश्य से यह योजना क्रियान्वित की गई है।
प्रदेश में 05 साल में कुल 10,000 एग्रीजंकशन केन्द्र स्थापित करने का लक्ष्य है। इस कार्यक्रम का मकसद किसानों को उनके फसल उत्पादों के लिए कृषि केन्द्र (एग्रीजंक्शन) बैनर तले समस्त सुविधाएं “वन स्टॉप शॉप” के माध्यम से उपलब्ध कराया जायेगा। प्रदेश में हजारों
केन्द्र स्थापित किये जा चुके है जबकि अगले पांच साल में कुल 10,000 एग्रीजंक्शन केन्द्र स्थापित करने का लक्ष्य है। सरकार ने औद्योगिक भूमि की आवश्यकता को सुनिश्चित कराने के लिये निजी औद्योगिक पार्क के विकास की योजना के प्रस्ताव को भी मंजूरी प्रदान कर दी है। इसे निजी प्रवर्तक के द्वारा बिल्ड ओन आपरेट (बीओओ) के आधार पर संचालित किया जाएगा। एमएसएमई इकाईयों के द्वारा कृषि के बाद सबसे अधिक रोजगार का सृजन कियां जाता है।
वर्तमान में प्रदेश में ऐसी लगभग 96 लाख एमएसएमई इकाइयां हैं, जिन्हें और अधिक बढ़ाया जा रहा हैं। निजी औद्योगिक पार्क के भू-खण्डों के आवंटन, संचालन तथा मूलभूत अवस्थापना सुविधाओं के रख-रखाव का सम्पूर्ण दायित्व निजी प्रवर्तक का होगा। योजना के अन्तर्गत निजी प्रवर्तकों द्वारा 10 एकड से 50 एकड़ तक की भूमि पर औद्योगिक पार्क विकसित करने का प्रस्ताव भूमि के स्वामित्व के कागजात एवं आगणन सहित जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केन्द्र को उपलब्ध कराया जाएगा। चयनित भूमि का भू उपयोग औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के लिये होना चाहिए। इनमें मिलेट्स इकाइयां भी स्थापित होगी।
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किसानों, कृषि के क्षेत्र में बढ़ावा देने के लिए राज्य में कई प्रकार की योजनाएं संचालित की गई है ताकि गरीब किसानों की आय में वृद्धि हो सके। प्रदेश में किसानों के लिए आत्मनिर्भर कृषक समन्वित विकास योजना 2023 को भी शुरू किया गया है।
इस वर्ष भी राज्य सरकार द्वारा “उत्तर प्रदेश मिलेट्स पुनरोद्वार कार्यक्रम 2024-25” पोर्टल को शुरू किया गया है इस पोर्टल के तहत राज्य में मिलेट्स में अर्थात मोटे अनाजों के उत्पादन में बढ़ावा प्रदान करने के लिए राज्य में किसानों को प्रोत्साहन प्रदान किया जा रहा है। देश में मोटे अनाज की बढ़ती हुई मांग को लेकर यूपी सरकार ने इस पोर्टल को शुरू किया है और इस पोर्टल में राज्य के किसान एवं जनता को लाभ प्रदान किया जाएगा।
योजना के तहत मोटे अनाजों जैसे-ज्वार, बाजरा, कुट्टू, कोदों, सांवा, रागी तथा और जो भी मोटे अनाज है खेती करने के लिए किसानों को मोटे अनाज के उत्पादन के लिए प्रोत्साहन दिया जा रहा है। जिसके तहत किसानों की आय में भी वृद्धि हो रही है। मिलेट्स उत्पादन में भारत का दुनिया में पहला नंबर है।
पोर्टल के तहत राज्य की जनता को मोटे अनाजों का उपयोग करने के लिए जागरूक किया जा रहा है। इस पोर्टल में सरकार द्वारा मिलेट्स बीज उत्पादन के लिए 4 लाख रूपए की सीड मनी को इस योजना के तहत संचालन हेतु देय है। इच्छुक नागरिक योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर लाभ प्राप्त कर सकते है। योजना में आवेदन करने के लिए पात्रताओं में जो उत्तर प्रदेश के मूल निवासी हो और किसान के पास 20 हेक्टेयर की जमीन होनी चाहिए। जिसमें वह मोटे अनाज का उत्पादन कर सके। जो भी आवेदक इस पोर्टल पर आवेदन करेगा उसका एफ.पी.ओ पंजीकृत और ग्रेडिंग पास होना जरूरी है। किसान के पास कृषक उत्पादन संगठन करीब दो साल पुराना होना चाहिए। एफ.पी.ओ में करीब 300 शेयर तथा एक साल का टर्न ओवर लगभग दस लाख तक होना चाहिए। किसान को फसल के बीज का उत्पादन करने या मिलेटस बीज तथा विवरण experience होना चाहिए, जिससे की वह आसानी से मोटे बीजों का उत्पादन कर सके।
राज्य में किसान मोटे अनाजों का उत्पादन करें इसके लिए उनको प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए ज्वार, सांवा, बाजरा तथा कोदा आदि मोटे अनाजों के बीजों को किसानों को मुफ्त में प्रदान किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश मिलेट्स पुनरोद्धार कार्यक्रम के अंतर्गत वर्ष 2024-25 में 2,47000 बीज मिनी किट निःशुल्क वितरित किया गया। प्रदेश में 20 मिलेट्स प्रसंस्करण, पैकेजिंग सह वितरण केन्द्र की स्थापना की जायेगी। 45 एफ0पी0ओ0 को सीड मनी के रूप में रू0 180 लाख का अनुदान दिये जाने की व्यवस्था की गई है। 10 कृषि विश्वविद्यालय/कृषि विज्ञान केन्द्रों को रू0 950.00 लाख अनुदान तथा मिलेट्स अनुसंधान एवं नवाचार हेतु उपकार को 135.03 लाख अनुदान उपलब्ध कराया जायेगा। 20 मोबाइल आउटलेट एवं 23 मिलेट्स स्टोर की स्थापना भी की जायेगी।
प्रदेश सरकार इस वर्ष 31 दिसंबर, 2024 तक न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर मक्का, बाजरा और ज्वार की खरीद करेगी। इसके लिए कैबिनेट ने मोटे अनाज क्रय नीति को मंजूरी दे दी है। प्रदेश में किसानों से मक्का 2225 रुपये प्रति क्विंटल, बाजरा 2625 रुपये प्रति क्विंटल, ज्वार (हाइब्रिड) 3371 रुपये प्रति क्विंटल और ज्वार (मालदांडी) 3421 रूपये प्रति क्विंटल की दर से खरीद की जाएगी। मक्का की खरीद 19 जिलों में, बाजरा की खरीद 32 जिलों में और ज्वार की खरीद 11 जिलों में की जायेगी। मक्का के कुल 60 क्रय केंद्र, बाजरा के 275 तथा ज्वार के 70 क्रय केंद्र खोले जाएंगे। ऑनलाइन पंजीकृत किसानों से यह अनाज क्रय किये जायेंगे।

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