सेवायोजन की छात्राओं ने महिला व बाल संरक्षण के लिए चलाया जागरूकता अभियान

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रायबरेली : इंदिरा गांधी राजकीय महिला महाविद्यालय रायबरेली में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के सप्त दिवसीय शिविर 2024 -25 के षष्ठ दिवस का शुभारंभ प्राथमिक विद्यालय पूरे कल्लू का पुरवा के परिसर की स्वच्छता, प्रार्थना “वह शक्ति हमें हमें दो दयानिधे, कर्तव्य मार्ग पर डट जावें। लक्ष्य गीत उठे समाज के लिए उठें उठें तथा योगाभ्यास के साथ हुआ।
इसके पश्चात निर्धारित विषय ‘शिक्षा एवं सामाजिक कुरीतियां’से संबंधित विषय पर स्वयंसेवियो ने रैली निकाली ।
तत्पश्चात आज के मुख्य वक्ता डॉ रमा पांडे डायरेक्टर रमा लॉ क्लासेस ज्यूडिशियल सर्विसेज ने अपने उद्बोधन की शुरुआत सामाजिक कुरीतियों – सती प्रथा, बाल विवाह ,बाल श्रम, विधवाओं की स्थिति आदि पर विस्तार से स्वयंसेवियों को समझाते हुए व्याख्या की।राजा राम मोहन रॉय स्वामी दयानंद सरस्वती ,स्वामी विवेकानंद आदि विलक्षण सामाजिक कर्ताओं के योगदान को रेखांकित किया। महिला अधिकारों के संबंध में बात करते हुए कन्या भ्रूण हत्या ,पर्दा प्रथा, मुस्लिम महिलाओं के संबंध में माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्णय, दहेज प्रथा, घरेलू हिंसा ,विशाखा वर्सेस राजस्थान राज्य जैसे महत्वपूर्ण विषयों को उठाते हुए क्रमवार स्वयंसेवियों के समक्ष न्यायिक तथा तार्किक तरीके से समझाने का प्रयास किया। अंत में शिक्षा की अनिवार्यता पर बल देते हुए कहा कि यदि महिला शिक्षा शत -प्रतिशत हो जाए तो कोई भी सामाजिक कुरीति उसके प्रगति में बाधा नहीं डाल सकती है। विशिष्ट वक्ता के रूप में डॉ. राम दर्शन असिस्टेंट प्रोफेसर, हिंदी ने पौराणिक एवं महाकाव्य कालीन प्रसंगों की चर्चा करते हुए शिव पार्वती विवाह, राम विवाह के संदर्भों को रामचरितमानस से उद्धृत चौपाइयों के माध्यम से स्वयंसेवियों को दहेज प्रसंग समझाने की कोशिश की। नशा मुक्ति अभियान में सरकार के पहल की सराहना करते हुए उन्होंने कहा। अगस्त 2020 से नशा मुक्ति अभियान शुरू किया गया ।जिसके बाद झारखंड आज नशा मुक्त राज्य है तथा छत्तीसगढ़ सबसे ज्यादा नशा करने वाला प्रदेश बन गया है। उन्होंने बताया कि यदि हम मित्रों के चयन में सतर्कता बरतें। स्वस्थ जीवन शैली अपने और पारिवारिक संबंधों को स्वस्थ रखें तथा योगाभ्यास करें, तो हम नशे से बच सकते हैं। पूरे भारत को नशा मुक्त होने के आज आवश्यकता है, इसके लिए हम सभी को गांव-गांव जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है। कार्यक्रम का समापन सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ हुआ।
कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती शिखा मौर्य ने किया और इस कार्यक्रम में डॉ उत्तम शुक्ला, डॉ रिचा सिंह और रामकरन आदि मौजूद रहे।

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