रायबरेली : जिला कृषि अधिकारी ने जनपद के कृषक बंधुओं से कहा है कि चालू रबी सीजन में 04 दिसम्बर 2024 तक जनपद में डीएपी 3780 मी० टन एवं एनपीके 1835 मी० टन वितरण हेतु निजी व सहकारी बिक्री केन्द्रों एवं गोदामों पर उपलब्ध है। चालू रबी सीजन में 1 अक्टूबर 2024 से 04 दिसम्बर 2024 तक डीएपी 20744 मी० टन एवं एनपीके 9416 मी० टन कुल 30160 मी० टन फास्फेटिक उर्वरकों की बिक्री हुई है। विगत वर्ष 1 अक्टूबर 2023 से लेकर 04 दिसम्बर 2023 तक डीएपी 23365 मी० टन एवं एनपीके 6949 मी० टन कुल 30314 मी० टन फास्फेटिक उर्वरकों की बिक्री हुई थी।
इस प्रकार विगत रबी सीजन की अपेक्षा चालू रबी सीजन में एनपीके 2467 मी०टन की अधिक बिक्री हुई है जबकि डीएपी की 2621 मी० टन कम बिक्री हुई है जिसका एक कारण फास्फेटिक के रूप में एनपीके की बिक्री विगत वर्ष से अधिक होना भी है।
चालू रबी सीजन में जनपद में लगभग 80 फीसदी क्षेत्रफल में फसलों की बुआई हो चुकी है। इस समय रवी फसलों की बुवाई अपने अंतिम चरण में है जिस हेतु फास्फेटिक उर्वरक जिसमें डीएपी, एनपीके एवं सिंगल सुपर फास्फेट का प्रयोग किसान बंधुओं द्वारा किया जा रहा है की समुचित मात्रा उपलब्ध है। किसान भाई डीएपी के स्थान पर अन्य फास्फेटिक उर्वरक जैसे एनपीके, टीएसपी (ट्रिपल सुपर फास्फेट) एवं सिंगल सुपर फास्फेट का प्रयोग गेहूँ व अन्य फसलों की बुवाई के समय कर सकते हैं।
विगत वर्षों की भांति उर्वरकों की आपूर्ति हो रही है। जनपद के रैक पॉइंट पर कल दिनांक 06 दिसम्बर को आरसीएफ कंपनी की आधी रैक डी ए पी एवं टी एस पी लगने की सम्भावना है, जिसमे प्राप्त होने वाली मात्राओं का प्रेषण निजी व सहकारी दोनों क्षेत्रों में कराया जायेगा। कतिपय समाचार पत्रों में फास्फेटिक उर्वरकों मुख्य रूप से डीएपी की कमी होने के सम्बन्ध में प्रकाशित खबरें आधारहीन हैं तथा समुचित रूप से सही नहीं है एवं वास्तविक स्थिति से अलग हैं। इसलिए किसान भाइयों से अनुरोध है कि किसी प्रकार की अफवाह पर ध्यान न दें तथा उर्वरकों का अग्रिम भंडारण ना करें। साथ ही जोत के अनुरूप बोई जाने वाली फसलों के दृष्टिगत संस्तुत मात्रा में ही उर्वरकों का क्रय करें। उर्वरक की आपूर्ति किसान बंधुओं के उपयोग हेतु लगातार कराई जा रही है।