सामयिक परिवेश तमिलनाडु अध्याय भक्तिमय हुआ काव्य मंच, श्याम कुँवर के यूट्यूब वीडियो का हुआ विमोचन

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संजय कुमार- सामयिक परिवेश तमिलनाडु अध्याय की मासिक काव्य-गोष्ठी चैत्र नवरात्रि के अवसर पर ऑनलाइन माध्यम से शनिवार 9 अप्रैल 2022 शाम 3:00 बजे से प्रारंभ हुई।
      गोष्ठी की मुख्य अतिथि  ममता महरोत्रा जी, जो कि संस्था की संस्थापिका एवं प्रधान संपादक भी हैं,  के मार्गदर्शन में यह गोष्ठी संपन्न हुई।
         उन्होंने अपने उद्बोधन में  आशीष एवं हार्दिक शुभकामनाएँ दी। संस्था की गतिविधियों से अवगत कराया। विशिष्ट अतिथि सामयिक परिवेश के केंद्रीय सदस्य/ मीडिया प्रभारी सुधीर श्रीवास्तव जी थे ।
        विशिष्ट अतिथि सुधीर श्रीवास्तव ने संस्था के संपादक श्याम कुवंर भारती जी की भोजपुरी ग़ज़ल “मिलल न हमके प्यार” यूट्यूब वीडियो का विमोचन किया।
गोष्ठी की अध्यक्षता श्याम कुवंर भारती जी ने की। अपने उद्बोधन में उन्होंने संस्था की गतिविधियों से सभी को अवगत कराया। उनके अनुसार संस्था कुछ गरीब  परिवारों की आर्थिक मदद भी कर रही है, जिन्हें इलाज की जरूरत थी।
         गोष्ठी का शुभारंभ गणेश वंदना विजय मोहन सिंह जी ने एवं सरस्वती वंदना डॉ राजलक्ष्मी कृष्णन की प्रस्तुतियों के साथ हुआ।
आदरणीय श्याम कुवंर भारती जी की दूसरी यूट्यूब वीडियो “दिल के बदले यार न मिलल” का विमोचन सामयिक परिवेश तमिलनाडु अध्याय की उप संपादक सरला विजय सिंह ‘सरल’ ने किया। दोनों ही गजलों को मुंबई के मशहूर गीतकार, गज़लकार आदरणीय कुवंर कौशल जी ने अपनी आवाज में गाया है।

गोष्ठी में भाग लेने वाले कवियों कवयित्रियों में श्याम कुवंर भारती , डॉ. मंजु रुस्तगी , संतोष श्रीवास्तव ‘विद्यार्थी’ , अशोक गोयल आई टी प्रमुख,अंजनी कुमार ‘सुधाकर’ , उषा टिबड़ेवाल  ‘विद्या’ , सरला ‘सरल’ , नम्रता श्रीवास्तव , स्नेह लता गुरुंग , रमा कुवंर, डॉ. राजलक्ष्मी कृष्णन , सुधीर श्रीवास्तव, संजय जैन , प्रतिभा जैन , डॉ. मिथिलेश सिंह , अन्नपूर्णा मालवीय ‘सुभाषिनी’ , रेखा राय , सीमा प्रताप जी, प्रो. डॉ. शरद नारायण खरे, रमा बहेड , कुवंर कौशल , नंदिनी लहेजा , आदि रहे।सभी कवियों कवयित्रियों ने अपनी रचनाओं द्वारा माता रानी के भजन गुणगान करके काव्य गोष्ठी को भक्तिमय वातावरण देकर समा बाँध दिया। कुल 24 प्रतिभागियों ने काव्य पाठ में भाग लिया।
सौहार्दपूर्ण वातावरण में गोष्ठी संपन्न हुई काव्य गोष्ठी का
शानदार मंच संचालन सरला ‘सरल’ ने , जबकि धन्यवाद ज्ञापन डा. मंजू रस्तोगी ने किया।

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