रायबरेली : किसी भी क्षेत्र के विकास के लिए सड़के रीढ़ का काम करती है। सड़कों के निर्माण होने से सम्बन्धित क्षेत्र का विकास बड़ी तेजी के साथ होता है। बुन्देलखण्ड क्षेत्र उत्तर प्रदेश का ऐसा क्षेत्र रहा है, जहाँ त्वरित आवागमन का अभाव रहा है। पथरीला क्षेत्र होने के कारण क्षेत्र वासियों को कई तरह की कठिनाई आती थी। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने बुन्देलखण्ड के विकास के लिए विशेष पैकेज दिये और इस क्षेत्र में सिंचाई के लिए जहाँ बांधों, नलकूपों व तालाबों का निर्माण कराया है. वहीं पेयजल परियोजनायें पूर्ण कर ग्रामवासियों को जल आपूर्ति की जा रही है। बुन्देलखण्ड क्षेत्र के सर्वागीण विकास के लिए प्रदेश सरकार द्वारा बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे का निर्माण कराना प्रदेश सरकार द्वारा बुन्देलखण्ड वासियों को बहुत बड़ा तोहफा दिया गया है, जिसे उस क्षेत्र की आने वाली पीढ़ी सदैव याद रखेगी। यह एक्सप्रेस-वे बुन्देलखण्ड के जनपद चित्रकूट, बाँदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन से गुजरते हुए औरैया व जनपद इटावा में लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे में जुड़ जाता है।
बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे विकास का पहिया – प्रदेश सरकार बुन्देलखण्ड क्षेत्र के विकास के लिए कृत संकल्पित है। बुन्देलखण्ड वासियों की हर क्षेत्र में आर्थिक समृद्धि और विकास करना सरकार का ध्येय है। इस क्षेत्र के विकास के लिए जितना ध्यान वर्तमान सरकार ने दिया है. उत्तर पूर्व में किसी ने नहीं दिया। बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के निर्माण का शुभारम्भ एवं लोकार्पण भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा किया गया। यह एक्सप्रेस-वे 296 किमी लम्बा है। यह जनपद चित्रकूट बाँदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया होते हुए इटावा जनपद में लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे में मिलता है। अभी यह फोर लेन का होगा जिसे आगे चलकर 6 लेन भी बनाया जायेगा। इसमें चार रेलवे ओवरब्रिज, 14 बड़े पुल, सात रैम्प प्लाजा, 268 छोटे पुल, 18 फ्लाईओवर और 214 अन्डरपास बनें है। इस एक्सप्रेस-वे को समयान्तर्गत पूर्ण कर लिया गया है। इस एक्सप्रेस वे के बनने से बुन्देलखण्ड के 138 ग्राम और औरेया व इटावा के 44 ग्रामों का सीधा जुड़ाव हो गया है।
किसानों का हो रहा है फायदा – बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के बनने से बुन्देलखण्ड क्षेत्र के किसानों को लाभ मिल रहा है। किसानों को उनकी उपज की फसलें मण्डियों तक पहुँचाने में शीघ्रता हो रही है। स्थानीय फसल, फल, फूल, सब्जियों, दूध आदि जल्द खराब होने वाली फसलों को बाजारों, मण्डियों तक पहुँचने में शीघ्रता और ताजी होने पर सही मूल्य भी मिल रहा है। यदि किसान अपनी उपज को बाहर की मंडियों, शहरों में बेचना चाहेगा तो उसका भी उसे फायदा मिलेगा। किसानों को खेती किसानी करने के लिए आवश्यक बीज, खाद आदि भी समय से मिलते रहेगें। किसानों को उनकी फसल का वाजिब मूल्य मिलने से उनकी आय में बढ़ोत्तरी हो रही है।
पर्यटन को बढ़ावाः- संास्कृतिक धरोहर को संजोये हुए बुन्देलखण्ड अपनी एकता और आपसी भाई चारे के लिए जाना जाता है। ऐतिहासिक एवं संास्कृतिक दृष्टि से बुन्देलखण्ड समृद्ध है। बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के बनने से पर्यटकों को देखने के लिए झाँसी का किला, ओरछा का किला, चतुर्भुज का मन्दिर, जहाँगीर महल, ओरछा वन्य जीव अभ्यारण, मध्य प्रदेश में पड़ने वाला खजुराहो आदि नजदीक पड़ते है। कालिजर का किला, चित्रकूट धाम, भरतकूप, राजापुर, कालपी, महोबा, उरई, बटेश्वर आदि ऐतिहासिक एवं धार्मिक स्थलों को देखने, दर्शन करने के लिए पर्यटक आकर्षित होगें। इस एक्सप्रेस-वे के बनने से बुन्देलखण्ड पर्यटन का हब बन रहा है। पर्यटन को बढ़ावा मिलने से स्थानीय लोककला, लोकसंस्कृति, स्थानीय निर्मित वस्तुएं दस्तकारी आदि को बढ़ावा मिलेगा और लोगों की आर्थिक प्रगति के साथ ही रोजगार भी मिलेंगे।
स्थानीय उत्पाद एवं रोजगार को मिलेगा बढ़ावाः- बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के निर्माण से स्थानीय लोगों को आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलना शुरू हो गया है। आवागमन की अच्छी सुविधा होने पर क्षेत्रीय युवकों को स्वरोजगार के साथ-साथ स्थानीय हस्तकला, दस्तकारी, लोककला, पत्थर की मूर्तियों व खनन सामग्री आदि को बढ़ावा मिले रहा है। इस एक्सप्रेस-वे के बनने से स्थानीय लोग सड़कों के किनारे विभिन्न तरह के खान-पान के लिए दुकानें, रेस्टोरेंट, होटल, ढाबा, वाहन मरम्मत, इलेक्ट्रानिक्स सामानों, स्थानीय खाद्य वस्तुओं, कृषि उपज, स्थानीय लोककला के बर्तन-वस्त्र आदि बेचने की दुकानें खोलकर अपना धन्धा शुरू कर रहे हैं। उन्हें भविष्य में अच्छा लाभ होगा। लोगों को रोजगार के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। इसके साथ ही एक्सप्रेस-वे के किनारे एवं औद्योगिक क्षेत्र में स्थापित उद्योगों, फैक्टरियों आदि में भी कुशल, अकुशल श्रमिकों, तकनीशियनों, प्राविधिक शिक्षा प्राप्त युवाओं/युवतियों को नौकरियों मिलेंगी। इससे लोगों को विभिन्न प्रकार के रोजगार का सृजन होगा।
ईंधन की कम खपत व प्रदूषण में कमी – बुंदेलखंड एक्सप्रेस के बनने से वाहनों की गति में तेजी आ रही है और वाहन घूमकर ज्यादा रास्ता तय कर अपनी मंजिल पर पहुँचने के बजाय एक्सप्रेस-वे से उनकी मंजिल कम हो रही है और शीघ्र ही अपने गन्तव्य तक पहुँच रहे है। इससे वाहनों के ईंधन में कमी आ रही है और वाहनों के ईंधन में कमी से पैसा भी बच रहा है। अच्छी और गुणवत्तायुक्त सड़क से चलने पर ईधन की खपत कम होती है। ज्यादा दूरी तक वाहन चलाने व जाम की समस्या होने पर वाहनों से ज्यादा धुआं निकलता है. इससे प्रदूषण बढ़ता है। किन्तु एक्सप्रेस-वे से कहीं जाम व गति में धीमापन न होने से प्रदूषण कम होगा। साथ ही सड़क किनारे वृक्षारोपण भी हो रहा है। इससे प्रदूषण और कम होगा।
देश व प्रदेश के अन्य एक्सप्रेस-वे से कनेक्टिविटीः- बुन्देलखंड एक्सप्रेस-वे के निर्माण से पूरा बुन्देलखंड क्षेत्र देश व प्रदेश की राजधानियों सहित अन्य प्रदेशों से भी सीधे जुड़ गया है। दिल्ली की दूरी जो चित्रकूट से 10 से 12 घन्टे पहुंचने का समय लगता था वह कम होकर, 5-6 घंटे हो गया है। बुन्देलखंड एक्सप्रेस-वे लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे में मिला है, फिर यह पूर्वाचल एक्सप्रेस-वे आगरा-नोएडा यमुना एक्सप्रेस-वे व बन रहे गंगा एक्सप्रेस-वे में तथा कानपुर, लखनऊ, वाराणसी, आगरा प्रयागराज जेवर आदि एयरपोर्ट सहित प्रदेश व देश के समस्त एक्सप्रेस-वे से सीधे जुड़ गया है। इससे आवागमन एवं आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति में शीघ्रता हो रही है।
उद्योगों, प्रौद्योगिकी, तकनीकी, मेडिकल आदि शिक्षण संस्थाओं का निर्माण- बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के निर्माण से प्रदेश और देश की कनेक्टिविटी सीधे हो गई है। एक्सप्रेस-वे के किनारों पर उद्योगों, फैक्टरियों की स्थापना हो रही है। उनकी स्थापना के लिए भूमि की उपलब्धता है। उद्योगों की स्थापना से क्षेत्र का विकास होगा और लोगों को रोजगार मिलेगा इससे उनकी आर्थिक प्रगति होगी। प्रदेश सरकार द्वारा बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के साथ डिफेन्स इंडस्ट्रियल कॉरिडोर परियोजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इससे लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा। इसके साथ ही बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के किनारो पर विभिन्न प्रौद्योगिकी, तकनीकी एवं मेडिकल एवं स्वास्थ्य सेवाओं आदि के शिक्षण संस्थानों की स्थापना होगी। इन शिक्षण संस्थानों की स्थापना से छात्र/छात्राओं को शिक्षा ग्रहण करने में आसानी होगी, उन्हें दूर नहीं जाना होगा, और अभिभावकों की आर्थिक बचत होगी। साथ ही स्थानीय लोगों को नौकरियों व रोजगार मिलेंगे।
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी द्वारा बुन्देलखण्ड क्षेत्र एवं वहाँ के लोगों के विकास के लिए शुरू कराये गये बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के निर्माण से निश्चय ही क्षेत्र में आर्थिक समृद्धि आयेगी।