चंदन के जैसा शीतल है भरत का चरित्र।

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अमेठी : जनपद के तिलोई के आरबीएस इंटर कॉलेज में चल रही श्रीराम के आठवें दिन कथा वाचक आचार्य शांतनु जी महाराज ने श्रोताओं को भरत चरित्र समेत रामायण के अन्य कहीं प्रसंगो की कथा सुनाई।आठवें दिन की कथा में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओ की भीड़ कथा पांडाल में उमड़ पड़ी।
भक्तों को श्री राम कथा सुनाते हुए प्रवचक ने भरत के चरित्र पर प्रकाश डालते हुए बताया कि दुनिया की हर अनमोल चीज को प्रेम के द्वारा प्राप्त किया जा सकता है। जबकि द्वेष और ईर्ष्या ने सदैव प्राप्त वस्तु को गवाया है। आचार्य शांतनु महराज ने कहा कि राजा भरत का चरित्र भाइयों के साथ प्रेरणास्त्रोत है सभी भाइयों को भरत के चरित्र से सीख लेनी चाहिए। भरत के चरित्र में अच्छाई ही अच्छाई है। बताया कि भरत ने भगवान श्री राम के वन गमन के बाद खुद राज्य की बागडोर लेने की जगह भगवान श्री राम के खड़ाऊ को अपने सर पर रखा। भगवान श्री राम से जब भरत वन में मिलने गए तो भगवान राम ने भरत से कहा कि भरत तुम्हारे जैसा भाई दुर्लभ है। आठवें दिन की कथा में पूर्व मंत्री व सांसद राजा संजय सिंह, बैजनाथ रावत प्रदेश अध्यक्ष एससी एसटी आयोग, जिलाधिकारी अमेठी निशा अनन्त, पुलिस अधीक्षक अनूप सिंह, सीएमओ डॉ अंशुमान सिंह , समेत हजारों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।

जनपद अमेठी से ब्यूरो चीफ दिवाकर मणि त्रिपाठी की रिपोर्ट।

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