योगी सरकार का एक और सौहार्दपूर्ण फैसला, अब संपत्ति बंटवारे के लिए स्टांप शुल्क में की गई भारी कमी

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लखनऊ : यूपी में संपत्ति विवाद को कम करने के लिए और लोगों को सुविधा देने के लिए स्टांप शुल्क में भी कमी की गई है। अब जीवित व्यक्ति द्वारा रक्त रिश्तेदारों में बंटवारे के लिए अब महज 5 हजार रुपए का स्टांप शुल्क लगेगा। पहले देखा जाता था कि स्टांप शुल्क ज़्यादा होने की वजह से संपत्ति बंटवारे में बहुत ज्यादा विवाद की स्थिति रहती थी। वर्तमान में पारिवारिक संपत्ति में बंटवारे के लिए जिले में रजिस्ट्रार के यहां आवेदन होता है।  इसमें संपत्ति के सभी हिस्सेदारों के नाम चढ़ते हैं, फिर तहसीलदार के सामने सहमति पत्र दिया जाता है।

इसमें लंबा वक्त लगता है।  कई बार संपत्ति में बंटवारे के विवाद के निपटारे के लिए पक्ष कोर्ट चले जाते हैं। स्टांप और पंजीकरण मंत्री रवींद्र जायसवाल ने इसकी पूरी प्रक्रिया को लेकर निर्देश दिए हैं। प्रदेश सरकार के इस फैसले से प्रदेश के लाखों परिवारों को बड़ी राहत मिलेगी।  संपत्ति विवाद में कमी आने की उम्मीद है। उत्तर प्रदेश  के मुख्यमंत्री ने प्रमुखता से उनके लिए निर्देश दिए थे।  इससे पहले उत्तर प्रदेश  में कारोबार करने वालों को सरल व्यवसाय के अनुसार कारोबार करने में आसानी के लिए कई कदम उठाए गए थे।  अब बेहतर जीवन के अनुसार लोगों का जीवन स्तर बेहतर बनाने और उनको सहूलियत देने के लिए स्टांप और पंजीकरण विभाग द्वारा ये कदम उठाए गए हैं।
यूपी में रजिस्ट्री के लिए हाथ में फाइल नहीं बल्कि मोबाइल में कागजात होना जरूरी होगा। यूपी सरकार ने संपत्ति की खरीद और बिक्री के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्री करने की व्यवस्था लागू करने का फैसला किया है। ऑनलाइन आवेदन करने पर रजिस्ट्री के लिए स्टांप फीस भी डिजिटल जमा होगी। ईमेल से बंटवारे की सूचना दोनों पक्षों में पहुंचेगी। पूरी प्रक्रिया और उसकी जांच डिजिटल हो सकेगी। हालांकि रजिस्ट्रेशन ऑफिस समय  में ही होगा। इस फैसले के साथ ही यूपी ई-रजिस्ट्री वाला देश का दूसरा राज्य होगा। अभी तक ई रजिस्ट्री की सुविधा सिर्फ महाराष्ट्र में ही थी।

यह प्रक्रिया सबसे पहले सरकारी विभागों से शुरू की गई है। उत्तर प्रदेश के सभी प्राधिकरणों और निगमों में ये व्यवस्था होगी। इसके तहत रजिस्ट्री के लिए आवेदन ऑनलाइन होगा।सरकारी विभागों में जमीनों का रजिस्ट्रेशन बड़े पैमाने पर होता है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर स्टांप और पंजीकरण विभाग ने एक और अहम फैसला किया है। पैतृक संपत्ति का बंटवारा अब महज हजार रुपए में हो सकेगा। इस नियम के लागू होने के बाद उत्तर प्रदेश में पैतृक संपत्ति का बंटवारा अब आसान हो जाएगा। साथ ही विवादों में भी कमी आएगी। उत्तर प्रदेश में सालाना लगभग 40 लाख रजिस्ट्री होती हैं।रजिस्ट्री और संपत्ति बंटवारे में अक्सर ये देखा जाता है कि विवाद की स्थिति रहती है।इसको देखते हुए मुख्यमंत्री की ओर

योगी सरकार का एक और सौहार्दपूर्ण फैसला, अब संपत्ति बंटवारे के लिए स्टांप शुल्क में की गई भारी कमी

यूपी में संपत्ति विवाद को कम करने के लिए और लोगों को सुविधा देने के लिए स्टांप शुल्क में भी कमी की गई है। अब जीवित व्यक्ति द्वारा रक्त रिश्तेदारों में बंटवारे के लिए अब महज 5 हजार रुपए का स्टांप शुल्क लगेगा। पहले देखा जाता था कि स्टांप शुल्क ज़्यादा होने की वजह से संपत्ति बंटवारे में बहुत ज्यादा विवाद की स्थिति रहती थी। वर्तमान में पारिवारिक संपत्ति में बंटवारे के लिए जिले में रजिस्ट्रार के यहां आवेदन होता है।  इसमें संपत्ति के सभी हिस्सेदारों के नाम चढ़ते हैं, फिर तहसीलदार के सामने सहमति पत्र दिया जाता है।

इसमें लंबा वक्त लगता है।  कई बार संपत्ति में बंटवारे के विवाद के निपटारे के लिए पक्ष कोर्ट चले जाते हैं। स्टांप और पंजीकरण मंत्री रवींद्र जायसवाल ने इसकी पूरी प्रक्रिया को लेकर निर्देश दिए हैं। प्रदेश सरकार के इस फैसले से प्रदेश के लाखों परिवारों को बड़ी राहत मिलेगी।  संपत्ति विवाद में कमी आने की उम्मीद है। उत्तर प्रदेश  के मुख्यमंत्री ने प्रमुखता से उनके लिए निर्देश दिए थे।  इससे पहले उत्तर प्रदेश  में कारोबार करने वालों को सरल व्यवसाय के अनुसार कारोबार करने में आसानी के लिए कई कदम उठाए गए थे।  अब बेहतर जीवन के अनुसार लोगों का जीवन स्तर बेहतर बनाने और उनको सहूलियत देने के लिए स्टांप और पंजीकरण विभाग द्वारा ये कदम उठाए गए हैं।
यूपी में रजिस्ट्री के लिए हाथ में फाइल नहीं बल्कि मोबाइल में कागजात होना जरूरी होगा। यूपी सरकार ने संपत्ति की खरीद और बिक्री के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्री करने की व्यवस्था लागू करने का फैसला किया है। ऑनलाइन आवेदन करने पर रजिस्ट्री के लिए स्टांप फीस भी डिजिटल जमा होगी। ईमेल से बंटवारे की सूचना दोनों पक्षों में पहुंचेगी। पूरी प्रक्रिया और उसकी जांच डिजिटल हो सकेगी। हालांकि रजिस्ट्रेशन ऑफिस समय  में ही होगा। इस फैसले के साथ ही यूपी ई-रजिस्ट्री वाला देश का दूसरा राज्य होगा। अभी तक ई रजिस्ट्री की सुविधा सिर्फ महाराष्ट्र में ही थी।

यह प्रक्रिया सबसे पहले सरकारी विभागों से शुरू की गई है। उत्तर प्रदेश के सभी प्राधिकरणों और निगमों में ये व्यवस्था होगी। इसके तहत रजिस्ट्री के लिए आवेदन ऑनलाइन होगा।सरकारी विभागों में जमीनों का रजिस्ट्रेशन बड़े पैमाने पर होता है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर स्टांप और पंजीकरण विभाग ने एक और अहम फैसला किया है। पैतृक संपत्ति का बंटवारा अब महज हजार रुपए में हो सकेगा। इस नियम के लागू होने के बाद उत्तर प्रदेश में पैतृक संपत्ति का बंटवारा अब आसान हो जाएगा। साथ ही विवादों में भी कमी आएगी। उत्तर प्रदेश में सालाना लगभग 40 लाख रजिस्ट्री होती हैं।रजिस्ट्री और संपत्ति बंटवारे में अक्सर ये देखा जाता है कि विवाद की स्थिति रहती है।इसको देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से ये निर्देश दिए गए थे।

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