2024 में कब पड़ेगी माघी की पूर्णिमा और क्या है इसका महत्व

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धर्म डेस्क / ज्योति त्रिवेदी : हिंदू धर्म में गंगा स्नान का बहुत ही बड़ा महत्व होता है और जो कोई मार्ग के में की पूर्णिमा तिथि को गंगा स्नान करता है कहा जाता है कि इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में गंगा स्नान करने से हमारे सभी पाप व कष्ट दूर होते हैं जो कोई मा गंगा की पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करता है उसे मां गंगा मन वांछित फल प्रदान करती हैं । इस बार 24 फरवरी दिन शनिवार को मनाई जाएगी । माघ पूर्णिमा गंगा स्नान करने का शुभ मुहूर्त ।गंगा स्नान करने का शुभ मुहूर्त 23 फरवरी दिन शुक्रवार 2024 को दोपहर 3 बजकर 6 मिनट से शुरू होकर दूसरे दिन 24 फरवरी दिन शनिवार को उदया तिथि में मनाई जाएगी इस दिन सुबह 5:11 से लेकर 6:00 सुबह 02 तक रहेगी पूर्णिमा तिथि । इस दिन गंगा स्नान करके जो कोई गंगा किनारे बैठे गोसाई को दान करके गऊ दान आचार्य संगीता कुश गंगाजल मुद्रा लेकर दान करवाता है उसे कभी भी किसी भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है।

वर्ष में कितनी होती है पूर्णिमा तिथि। वैसे तो प्रत्येक महीने में एक ही पूर्णिमा तिथि मनाई जाती है और साल में 12 पूर्णिमा मनाई जाती है प्रत्येक पूर्णिमा का अपना अलग-अलग महत्व होता है इस दिन अगर गंगा स्नान करके गंगा किनारे बैठे गरीबों को खिचड़ी मुद्रा वस्त्र का दान करते हैं तो यह आपके लिए सबसे अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है उसके बाद मा गंगा की श्रद्धा अनुसार पूजा करके बतासे या फिर जो भी सामग्री है उसे अवश्य करें और पूजा विधि करने के बाद अगर आप किसी मंदिर में दर्शन के लिए जाते हैं तो वहां के पुजारी से प्रसाद लेने के बाद पुजारी को दान अवश्य करें । और मां गंगा के जल से खिचड़ी बनाकर जरूर खाएं ऐसा करने से मां गंगा आप पर बहुत प्रसन्न होती है। माघ पूर्णिमा का स्नान कब से शुरू होता है। पौष माह की पूर्णिमा से लेकर माघ माह की पूर्णिमा तिथि तक मनाया जाता है ।इस दिन मां गंगा की पूजा के साथ-साथ माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा करना बहुत ही शुभ फलदाई माना जाता है तीर्थराज प्रयाग में कल्पवास करके त्रिवेणी में स्नान करने का अंतिम दिन माघ माह की पूर्णिमा का ही है। मघा नक्षत्र उदया तिथि होने से ही पूर्णिमा तिथि की उत्पत्ति हुई है मघा नक्षत्र को श्री हरि विष्णु जी का दिन कहा जाता है ।माघ पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करके सूर्य को इस मंत्र को पढ़कर जल अवश्य दें। ओम घृद्दी सूर्याय नमः। का 108 बार जाप करके जल अवश्य चढ़ाएं और शाम की समय पर मां गंगा की आरती करके प्रसाद ले और मां गंगा को दीपदान अवश्य करें ।ऐसा करने से आपके सभी रोग कष्ट दूर होकर के आपको मनवांछित फल और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

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