जीवन की अमूल्य निधि है एक्यूप्रेशर चिकित्सा पद्धति

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जीवन की अमूल्य निधि है एक्यूप्रेशर चिकित्सा पद्धति

रायबरेली : रिफॉर्म क्लब परिसर में चल रहे एक्यूप्रेशर चिकित्सा शिविर में एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें सर्वाइकल, साइटिका, स्लिप डिस्क आदि की जानकारी लोगों को दी गई, जिससे लोग कम समय में, कम खर्चे में अपना इलाज करके स्वस्थ और निरोग रह सकें। एक्यूप्रेशर एक प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति है जो बिना औषधि के असाध्य रोगों को जड़ से ठीक करती है। इसमें किसी प्रकार का साइड इफेक्ट नहीं होता है। इस अवसर पर डॉक्टर भगवानदीन यादव ने कहा कि एक्यूप्रेशर के बिंदु हाथ के पंजे और पैर के तलवे में होते हैं जिनको दबाव देकर के जटिल से जटिल बीमारियों का निदान संभव है। जिसके द्वारा गठिया, सर्वाइकल, मोटापा, कमर दर्द, जोड़ों का दर्द, बवासीर, लिकोरिया, आदि अनेक बीमारियों का इलाज एक्यूप्रेशर विधि से किया जाता है। गोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में गायत्री परिवार के वरिष्ठ कार्यकर्ता सुरेश तिवारी ने कहा कि मानव जीवन के लिए एक उपयोगी औषधि है जिसे अपना करके लोग स्वस्थ और निरोग रह सकते हैं। इसके नियमित अभ्यास से लोगों का जीवन सुखमय बनेगा। सर्वाइकल का इलाज कर रहे पत्रकार महेश त्रिपाठी जी को काफी दिनों से सर्वाइकल था जिन्हें एक्यूप्रेशर पद्धति से अचूक लाभ मिला। उन्हें गायत्री पुस्तक एवं स्वास्थ्य यंत्र देकर सम्मानित भी किया गया। अपने उद्बोधन में महेश भाई ने कहा कि एक्यूप्रेशर कुदरत की अनमोल धरोहर है इसे कोई भी व्यक्ति अपना करके स्वस्थ और निरोग रह सकता है। कार्यक्रम का संचालन अनुज कुमार यादव ने किया। सभी का स्वागत जितेंद्र कुमार ने किया, विशेष रूप से गिरजा शंकर, कंचन यादव, उमेश कुमार, दुर्गेश श्रीवास्तव, रजनी कुमारी आदि लोग उपस्थित थे। चिकित्सा शिविर प्रातः 10ः00 बजे से 5ः00 तक चल रहा है।

                                           

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