डीएम और सीडीओ के नेतृत्व में अमेठी में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 472 बीसी सखी सक्रिय

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अमेठी: केएनएस लाइव से संवादाता दिवाकर मणि त्रिपाठी की रिपोर्ट में जिलाधिकारी निशा अनंत और मुख्य विकास अधिकारी सूरज पटेल के कुशल नेतृत्व में अमेठी जनपद की महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) के तहत गठित स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को बीसी सखी (बैंकिंग कॉरेस्पॉन्डेंट सखी) के रूप में प्रशिक्षित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के तहत जनपद अमेठी में वर्तमान में 472 बीसी सखी सक्रिय रूप से कार्यरत हैं।

अप्रैल 2024 से अगस्त 2024 के बीच इन बीसी सखियों ने लगभग 5.84 लाख व्यक्तियों के साथ कुल ₹221 करोड़ का लेन-देन किया, जिस पर उन्हें ₹54.10 लाख का कमीशन प्राप्त हुआ। इस दौरान, इन महिलाओं ने न केवल अपने परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार किया, बल्कि अपनी क्षमता का उपयोग करते हुए आजीविका के नए स्रोतों को वा अपने कौशल को भी विकसित किया।

बीसी सखियों की सफलता में अमेठी के टॉप 10 सखियों का योगदान

जनपद में बीसी सखी के रूप में काम करने वाली महिलाओं में से कई ने विशेष कौशल और समर्पण के साथ बड़ी सफलता अर्जित की है। जनपद की टॉप 10 बीसी सखियों में शामिल हैं:

  1. राधा कुमारी – विकासखंड जगदीशपुर, ग्राम इमली गांव
  2. अनीता देवी – विकासखंड शुक्ल बाजार, ग्राम किसुनी
  3. बिना रानी – विकासखंड भादर, ग्राम मवैया
  4. कंचन सिंह – विकासखंड संग्रामपुर, ग्राम भौसिंहपुर
  5. निकिता यादव – विकासखंड जगदीशपुर, ग्राम कमरौली
  6. इत्शिता बानो – विकासखंड तिलोई, ग्राम कूरा
  7. अलका – विकासखंड अमेठी, ग्राम बियसिया
  8. प्रतिभा – विकासखंड सिंहपुर, ग्राम फतेहपुर
  9. गायत्री देवी – विकासखंड तिलोई, ग्राम करौंका
  10. रेविका सिंह – विकासखंड मुसाफिरखाना, ग्राम गन्नौर

इन महिलाओं ने अपने कौशल और समर्पण से न केवल अपनी आय में वृद्धि की, बल्कि समाज में एक सकारात्मक बदलाव भी लाया है।

महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में निरंतर प्रयास

मुख्य विकास अधिकारी सूरज पटेल ने उपायुक्त स्वतः रोजगार को निर्देशित किया है कि जनपद में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के उद्देश्य से उनके कौशल के अनुसार उन्हें प्रशिक्षित किया जाए। उन्होंने कहा कि इन महिलाओं को ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान या अन्य माध्यमों से प्रशिक्षण देकर उनकी आय में वृद्धि की संभावनाओं को और मजबूत किया जाएगा। साथ ही, पात्र लाभार्थियों को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत दी गई व्यवस्थाओं के अनुसार योजनाओं से आच्छादित करने के प्रयास किए जाएंगे, ताकि कोई भी महिला इस लाभकारी योजना से वंचित न रहे।

इस पहल का उद्देश्य जनपद की महिलाओं को न केवल आर्थिक रूप से मजबूत करना है, बल्कि उन्हें समाज में आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने की दिशा में अग्रसर करना है। सरकार और प्रशासन की इस महत्वपूर्ण योजना के चलते जिले की महिलाएं आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते हुए अपनी आर्थिक स्थिति में बड़ा बदलाव ला रही हैं।

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