लखनऊ : सूत्रों की माने तो छत्तीसगढ़ में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की इसलिए बेरहमी से हत्या कर दी गयी क्यों कि उन्होंने सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार को उजागर किया। आपको बता दें कि मुकेश एक क्षेत्रीय पत्रकारों में से एक जुझारू पत्रकार थे जिन्होंने लगातार आदिवासी भाईयों की समस्याओं की आवाज को लगातार उठाने का प्रयास करते रहे। इससे आदिवासी भाईयों की समस्याओं का निवारण भी होता रहता था इसी कड़ी में सड़क निर्माण के कार्य में धांधली देखने को मिला जिससे वहां के लोगों ने पत्रकार मुकेश के पास समस्या को लेकर गए और पूरे समस्या से अवगत कराया । जिसको लेकर मुकेश ने इन भ्रष्टाचारियों के खिलाफ खुलकर आवाज बुलंद करते हुए पूरी पोल खोलकर रख दिया। पोल खुलने की डर से ये भ्रष्टाचारी लोग मुकेश की धारदार हथियार से वार करके तड़पा तड़पाकर निर्मम हत्या कर दी। और शव को ठेकेदार के सेफ्टिक टैंक में जाकर छिपा दिया गया।
सूत्रों की माने तो 56 करोड़ की सड़क को 102 करोड़ दिखाकर भ्रष्टाचार किया गया। इस भ्रष्टाचार में मुकेश के सगे संबंधी भी लिप्त थे।
आज कल के पत्रकार कॉम्फोर्ट जोन में काम कर रहे हैं। एसी न्यूज़ रूम में बैठकर एंकर प्रोपागेंडा चला रहे हैं। मुकेश चंद्राकर ने आदिवासियों की समस्या पर रिपोर्टिंग कर और भ्रष्टाचार उजागर कर पत्रकारिता को जिंदा रखा था।
लेकिन इस ईमानदार पत्रकार को तड़पा तड़पा के कुल्हाड़ी से मारा गया। देश खामोश है, नेता खामोश हैं, बड़े पत्रकार खामोश हैं। एक सत्ता संरक्षित गुंडे से एक ईमानदार पत्रकार को मौत का घाट उतार दिया!
आए दिन पत्रकारो के साथ ऐसी घटनाए होती रहती है कही किसी पत्रकार को जिन्दा जलाया जाता तो कही बीच चौराहे पर मार दिया जाता है। क्या पत्रकारों की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेगी सरकार या फिर ऐसे ही मनबढ़ गुंडों मावलियों का दंश झेलते रहेंगे हमारे पत्रकार भाई।