रायबरेली : विटामिन ए सम्पूर्ण कार्यक्रम के तहत नौ माह से पांच साल तक की आयु के बच्चों को चार दिसम्बर से तीन जनवरी 2025 तक विटामिन ए की दवा पिलाई जाएगी।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. नवीन चंद्रा ने बताया कि विटामिन ए की दवा बच्चों में प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है। इसके साथ ही वह उन्हें कुपोषण, रतौंधी , अंधापन, डायरिया और निमोनिया से भी बचाती है। जनपद के नौ माह से पांच साल तक के कुल 3,25 लाख बच्चों को विटामिन ए की दवा पिलाने का लक्ष्य है जिसमें नौ से 12 माह के 37,056, एक से दो साल के 70,114 और दो से पांच साल तक के कुल 2,17,411 बच्चे हैं।
जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी डी.एस.अस्थाना ने बताया कि कार्यक्रम का शुभारम्भ जिला महिला अस्पताल स्थित पोस्टपार्टम केयर सेंटर में मुख्य चिकित्सा अधिकारी तथा जिला कार्यक्रम अधिकारी व तथा ब्लाक में सीएचसी व टीकाकरण सत्र स्थलों पर गणमान्य व्यक्ति द्वारा किया जायेगा। यह कार्यक्रम साल में दो बार जून और दिसम्बर में चलाया जाता है। विटामिन ए की कमी से रतौंधी, आँखों के पानी और अधिक गंभीर स्थिति में आँखों की रौशनी भी चली जाती है। इसकी कमी कुपोषण की एक स्थिति है। विटामिन ए की कमी से प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है जिससे कि डायरिया, निमोनिया और अन्य गंभीर बिमारियों से संक्रमण की सम्भावना बढ़ जाती है।
छह माह तक के बच्चों को केवल स्तनपान और नियमति टीकाकरण करना चाहिए। बच्चे को विटामिन ए की पहली खुराक खसरे के टीके के साथ देनी चाहिये। इसके बाद पांच साल तक हर छह-छह माह में विटामिन ए की दवा निकटतम स्वास्थ्य इकाई पर जाकर पिलाना चाहिए।
विटामिन ए पीले, नारंगी और हरी सब्ज़ियों और फलों में पाया जाता है। इसलिए स्वयं भी इसका सेवन करें और बच्चों को कराना सुनिश्चित करें।