धर्म डेस्क / ज्योति त्रिवेदी : फाल्गुन के महीने में कब मनाई जाएगी विनायक चतुर्थी , आइए जानते हैं पूजा विधि, महत्व और मुहूर्त । फाल्गुन माह की चतुर्थी तिथि को भगवान गौरी पुत्र गणेश की पूजा की जाती है भगवान गणेश को अनेकों नाम से जाना जाता है जैसे लंबोदर, गजानन, गणेश, गणपति, और बप्पा के नाम से भी जाना जाता है ।भगवान गणेश को जैसा कि आप कोई पूजा भागवत रामायण आदि अगर आप किसी भी पूजा पाठ को करते हैं तो उसमें भगवान गजानन की सबसे सर्वप्रथम पूजा की जाती है अगर आप पूजा पाठ में भगवान गणेश की पूजा नहीं करते हैं तो आपकी पूजा में विघ्न पड़ सकता है क्योंकि भगवान गणेश को सुख शांति के साथ-साथ विघ्नहर्ता और सुख करता भी कहा जाता हैं बगैर उनकी पूजा के आपकी कोई पूजा पूरी नहीं हो सकती है । कब मनाई जाएगी विनायक चतुर्थी। विनायक चतुर्थी 13 मार्च दिन बुधवार को मनाई जाएगी भगवान गणेश जी की सभी देवी देवताओं में सबसे पहले पूजा व्रत किया जाता है वर्ष के प्रत्येक महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को भगवान विनायक की पूजा अर्चना की जाती है इस बार 13 मार्च दिन बुधवार को विनायक चतुर्थी का पर्व मनाया जाएगा इस दिन भगवान गणेश का विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है यह दिन भगवान गणेश को समर्पित माना जाता है इस दिनपूजा व्रत करने से ज्ञान ध्यान के साथ-साथ धन ऐश्वर्य और यश की प्राप्ति होती है इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से आपके सारे कष्ट समाप्त हो जाते हैं । आईए जानते हैं शुभ मुहूर्त के बारे में ।विनायक चतुर्थी 2024 की तिथि और पूजा मुहूर्त। इस बार पंचांग के अनुसार 13 मार्च सुबह 2:33 प्रारंभ होकर 14 मार्च की दोपहर 1:26 पर समाप्त होगी लेकिन उदया तिथि होने के कारण विनायक चतुर्थी का व्रत 13 मार्च को ही रखा जाएगा । पूजा और मुहूर्त । 13 मार्च सुबह 11:06 से दोपहर 1:33 तक ही पूजा का शुभ मुहूर्त है । गणेश चतुर्थी के शुभ योग अबकी बार विनायक चतुर्थी कई प्रकार के शुभ योग का सहयोग बना रहा है इस बार सबसे बड़ी बात यह है कि 13 मार्च को बुधवार का दिन है बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित माना जाता है इसलिए विनायक चतुर्थी का यह दिन हमें दो गुना फल का लाभ प्राप्त करता है और इस दिन सर्वार्थ योग ,अमृत योग, रवि योग ,और इंद्र योग का भी फल प्राप्त हो रहा है इन योग में अगर आप भगवान गणेश की पूजा करते हैं तो यह आपके जीवन में सूभ ता का फल प्राप्त कराएगा । गणेश चतुर्थी की पूजा विधि जैसा कि आप सभी जानते हैं कि कोई भी पूजा पाठ करें उसे सुबह के समय जल्दी करें क्योंकि 9:00 के बाद पूजा करने से पूजा का फल कम प्राप्त होता हैइस दिन सुबह स्नान करके स्वच्छ कपड़े पहने और भगवान गणेश की प्रतिमा के सामने हाथ जोड़कर प्रार्थना करें और पूजा करने का संकल्प ले गणेश जी की प्रतिमा को एक साथ चौकी या फिर किसी स्वच्छ पाटे पर स्थापित करें ।और उनका जलाभिषेक करें और स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं ।गणेश भगवान को चंदन ,हल्दी ,रोली या सिंदूर का तिलक करें और उन्हें फल, गुलहड़ के फूल ,या फिर कोई लाल फूल ,वस्त्र, कुमकुम, धूप, दीप ,अक्षत ,पान सुपारी अर्पित करें । भगवान गणेश जी को दूर्वा घास और मोदक सबसे प्रिय है इसलिए भगवान गणेश को दूर्वा घास मोदक जरूर समर्पित करें। भगवान गणेश को अत्यधिक प्रसन्न करने के लिए लड्डू का भोग लगाकर उन्हें मोदक और दूर्वा घास अर्पित करें इस प्रकार से पूजा करने से भगवान गणेश आपसे प्रसन्न रहते हैं और आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।
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