संजय कुमार की विशेष रिपोर्ट- गोरखपुर : गोरखनाथ मंदिर पर हमला करने वाले अहमद मुर्तजा अब्बासी को लखनऊ लाया जा रहा है। इससे पहले मुर्तजा के सिविल लाइंस स्थित मकान पर पुलिस ने अपना ताला लगा दिया। इससे पहले मंगलवार की शाम ATS ने करीब घंटे भर तक मुर्तजा के कमरे की तलाशी ली। इस दौरान उसके कमरे से तीन एयरगन मिली है। पूछताछ में पता चला कि एयरगन से मुर्तजा निशानेबाजी सीख रहा था। ATS ने मुर्तजा के दो चचेरे भाइयों को उठाया है। इस दौरान परिवार के लोगों ने ATS अधिकारियों के सामने हाथ जोड़कर कहा कि आप लोगों ने मेरे परिवार को आतंकी बना दिया। जबकि मेरा बेटा दिमागी रूप से बीमार है।
वहीं, नर्सिंगहोम में भी हर आने-जाने वाले का नाम-पता नोट किया जा रहा है। हालांकि मुर्तजा के पिता मुनीर अहमद ने किसी को हिरासत में लेने की बात इंकार किया है। उन्होंने कहा है कि STF के साथ मजिस्ट्रेट आए थे और बरामद सामान की फर्द बनाकर हस्ताक्षर कराकर ले गए।
मुर्तजा मानसिक रूप से बीमार नहीं, ATS को पूर्व पत्नी ने दिया बयान
मुर्तजा अब्बासी का कनेक्शन तलाशने के लिए ATS की एक टीम जौनपुर पहुंची है। जौनपुर के तारापुर कॉलोनी में मुर्तजा की ससुराल है। एटीएस टीम ने उसके ससुर और पूर्व बीवी सलमा से करीब एक घंटे तक पूछताछ की। सलमा ने बताया कि जैसा मुर्तजा के पिता मुनीर दावा कर रहे हैं कि उनके बेटे की मानसिक स्थिति नहीं है। यह बात गलत है। वह मानसिक रूप से बीमार नहीं है। वह धार्मिक तौर पर कट्टरता वाला था। ऐसा लगता था कि उसे अपनी पत्नी की कोई फिक्र ही नहीं है। उसके विचार काफी अलग थे। किसी भी बात में तालमेल नहीं बनता था। इन्हीं सब वजहों से उसने कुछ दिनों बाद रिश्ता तोड़ दिया।
सलमा ने बताया कि जब वह जामनगर से लौटी उसके बाद से उसकी कभी मुर्तजा से बात नहीं हुई। जून 2019 में मुर्तजा का सलमा से निकाह हुआ था। हालांकि ये निकाह ज्यादा दिन टिक नहीं सका। 3 महीने बाद दोनों का तलाक हो गया। निकाह के बाद मुर्तजा सिर्फ दो बार ही जौनपुर आया।
शादी के बाद दिमागी हालत बिगड़ी हो तो अलग बात
सलमा के पिता ने बताया कि मुर्तजा से उनकी मात्र चार मुलाकात हुई हैं। मुर्तजा के यहां से उसकी पहले से ही रिश्तेदारी है। केमिकल इंजीनियर था, इसलिए उन्होंने अपनी बेटी की शादी कर दी। निकाह के बाद मुर्तजा दो बार जौनपुर आया। मानसिक स्थिति की बात पर उन्होंने कहा कि मुर्तजा की मानसिक स्थिति शादी के समय तक सही थी। तलाक के बाद कुछ कह नहीं जा सकता है। अब उनकी बात मुर्तजा या उनके परिवार वालों से नहीं होती है।
गोरखनाथ मंदिर पर हमले से खुली सुरक्षा की पोल, एजेंसीज के टॉप-16 में शामिल था मुर्तजा
गोरखनाथ मंदिर में सुरक्षाकर्मियों पर हमले से ATS और मंदिर सुरक्षा की पोल भी खुल गई है। खुफिया एजेंसीज ने 31 मार्च को ही UP पुलिस को 16 संदिग्धों के प्रोफाइल भेजे थे। उनमें एक नाम मुर्तजा का भी था। मुर्तजा के पिता मुनीर ने दावा किया है कि उनके घर ATS के दो लोग पहुंचे भी थे। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या ATS ने सिविल पुलिस के साथ डेटा शेयर नहीं किया?
मुर्तजा एक बांका लेकर मंदिर में सख्त सुरक्षा और ठीक सामने गोरखनाथ थाना होने के बाद भी अंदर घुस आया। इस दौरान वह 15 मिनट तक सड़क से लेकर मंदिर परिसर में तांडव मचाता रहा। जबकि वहां तैनात पुलिसकर्मी उससे खौफ खाकर भागते नजर आए। अगर उसके पास बंदूक या कोई घातक हथियार होता, तो बड़े हमले की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। वहां मौजूद पब्लिक और कुछ बहादुर पुलिसकर्मियों ने हिम्मत दिखाते हुए उसे नहीं पकड़ा होता, तो क्या होता?
ATS के चीफ बदले गए
इस घटना को लेकर शासन स्तर में भी हड़कंप मचा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसके लिए अधिकारियों को फटकार भी लगाई है। साथ ही मंदिर सहित शहर के अन्य महत्वपूर्ण स्थलों की सुरक्षा को लेकर 4 दिनों के अंदर विशेष कार्ययोजना बनाकर रिपोर्ट भी मांगी है। ऐसे में माना जा रहा है कि इसे लेकर कुछ अधिकारियों पर गाज भी गिर सकती है।
हालांकि हमले की खबर के तत्काल बाद शासन ने ATS के लिए नया ADG नियुक्त कर दिया। IPS नवीन अरोड़ा को यूपी ATS का चीफ बनाया गया है। इससे पहले STF के साथ यूपी ATS की जिम्मेदारी संभाल रहे IPS अमिताभ यश अब सिर्फ STF की ही जिम्मेदारी देख रहे हैं।
CM योगी खुद कर रहे समीक्षा
इस मामले की समीक्षा खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कर रहे हैं। इसीलिए घायल जवानों का हौसला बढ़ाने वह खुद पहुंचे और उन्हें 5 लाख रुपए का इनाम भी दिया। इसके अलावा उन्होंने साफ निर्देश दिया कि गोरखपुर ही नहीं, बल्कि प्रदेश की सुरक्षा से खिलवाड़ करने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।
उधर, सूत्रों का दावा है कि मुर्तजा को संदिग्ध मानते हुए ATS उसे काफी दिनों से ट्रैक कर रही थी। शहर में मुर्तजा के अलावा कई अन्य संदिग्धों पर भी ATS की नजर है। इसके बावजूद इसे बेहद सामान्य ढंग से लेना ATS की बड़ी चूक मानी जा रही है। इसे लेकर शासन स्तर पर भी मंथन शुरू हो गया है।
गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा पर भारी पड़ा मुर्तजा गोरखनाथ मंदिर के ठीक सामने गोरखनाथ थाने के इंस्पेक्टर के अलावा फोर्स भी होती है। इसके अलावा मंदिर की सुरक्षा में बम निरोधक दस्ता स्थायी तौर पर तैनात है। इसके अलावा एक प्लाटून PAC बल, 875 पुलिस और सुरक्षा के लोग मंदिर में तैनात हैं। मंदिर के गेट पर स्कैनर लगा है। जांच के बाद ही प्रवेश मिलता है। यहां के सुरक्षा की मानीटरिंग के लिए कंट्रोल रूम बना हुआ है।
हिम्मत नहीं जुटा सके पुलिस वाले
इसके बावजूद अकेला मुर्तजा हाथ में बांका लिए यहां करीब 15-20 मिनट तक तांडव मचाता रहा और सुरक्षाकर्मी भागते रहे। पब्लिक उसे पकड़ने के लिए जब ईंट-पत्थर चला रही थी, तो कुछ पुलिस वाले भी उस पर पत्थर फेंकते नजर आए। मगर, कोई उसके पास जाकर पकड़ने की हिम्मत नहीं दिखा सका।
सिर्फ कागजों में होता है आदेश, LIU फेल
इस घटना से पहले ADG जोन, गोरखपुर ने बार्डर पर स्थित संदिग्ध मदरसों से लेकर रातों-रात अमीर हुए लोगों की जांच करने के पुलिस को निर्देश दिए थे। मगर, पुलिस को ऐसे संदिग्धों की जांच करने की फुरसत ही नहीं मिली। उधर, इस मामले में LIU भी पूरी तरह फेल नजर आई है। LIU टीम के पास छिटपुट हादसों और घटनाओं के होने के बाद की जानकारी के अलावा अन्य कोई इनपुट नहीं होता। मीडिया में खबरें आने के बाद LIU खबरों के आधार पर अपनी रिपोर्ट तैयार करती है। न ही उसका खुद का कोई नेटवर्क है और न ही कोई सूत्र है।