फार्मेसी कॉलेज के दलालों ने बंधक बनाकर दिव्यांग छात्र से निकलवाए रुपए। करोड़ों रुपए कमाने का करते हैं धंधा संबंधित आला अफसर मौन।

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बेनीगंज(हरदोई)। बेनीगंज नगर निवासी दिव्यांग को जीविका कालेज आफ फार्मेसी मे बनाया बन्धक, बैक खाते से निकाले दस हजार रुपये पीडित ने दी तहरीर।
बताते चलें कि दिव्यांग प्रदीप वैश्य ने कोतवाली मे तहरीर देते हुए बताया कि करीब 6-7 माह पूर्व विमलेश पुत्र जगन्नाथ निवासी -मोहल्ला चमारन टोला, कस्बा व थाना-बेनीगंज ने मुझसे कहा कि तुम दिव्यांग हो, और मेरे पूर्व के छात्र भी हो, और तुम निर्धन परिवार से हो, मेरे पास तुम्हारे लिए एक योजना है, तुम मुझे अपना आधार कार्ड, दिव्यांग कार्ड, हाईस्कूल मार्कशीट, बैंक पासबुक की प्रतिलिपि, दो फोटो व मोबाइल नंबर लाकर दो, मैं तुम्हे भरपूर लाभ दिलाऊँगा, और यदि तुम्हारा कोई दिव्यांग साथी हो तो उसे भी लाभ मिल सकता है। इस पर मैने अपनी तथा अपने दिव्यांग साथी राज यज्ञसैनी उर्फ गुड्डन निवासी मोहल्ला सिकलिन टोला बेनीगंज के समस्त दस्तावेज लाकर विमलेश को दे दिए, मेरे द्वारा योजना के बारे में पूँछने पर विमलेश ने स्वयं पर विश्वास दिलाते हुये मुझे कोई सन्तोष जनक जानकारी नहीं दी।उसके बाद दिनांक 2/4/2022 दिन शनिवार को लगभग 11:30 बजे सीएससी कोथावां को खबर कवरेज के दौरान मैं पत्रकार बुद्धसेन सोनी, राजीव रंजन आदि पत्रकार लोगों के साथ गया हुआ था। वही पर लगभग 12:30 बजे अंकुश पुत्र मोहन लाल निवासी ग्राम पंचायत काकूपुर थाना बेनीगंज का फोन हमारे नंबर पर आया उन्होंने बताया कि विमलेश ने आपका नम्बर दिया है, आप कहाँ हो, आपके कॉलेज में वेरिफिकेशन होना है जिसकी आज अन्तिम तिथि है आपको चलना है। हमने कहा मैं कोथावां में हूं खबर कवरेज कर रहा हूं, फिर कुछ देर बाद अंकुश कोथावां तिराहे पर आकर मुझे अकेला कार में बैठाकर जीविका कालेज आफ फार्मेसी अतरौली को ले गए। वहां पर हमसे आधार नंबर लिया व हमारे नंबर पर ओटीपी आई हुई थी वह भी ले लिया और इलेक्ट्रॉनिक मशीन पर अंगूठा लगवाया, व हमारे अकाउंट बैंक आफ इंडिया बचत खाता नं.-740910510004089 से ₹10000 की धन राशि निकाल ली, और भी पैसे निकालने की कोशिश की ,किन्तु एक ही बार में 10,000 निकलने की वजह से और पैसे नहीं निकले, तब मेरे अन्य खातों से भी पैसे निकालने की कोशिश की, किन्तु खाते बन्द होने के कारण पैसे नही निकले, और फिर हमें लगभग 6बजे तक बिठाये रखा, तथा दबाव बनाकर एक घण्टे के लिए मेरा मोबाइल भी ले लिया। फिर हमें 7 बजे बेनीगंज लाया गया और फिर अंकुश मुझे अपने अन्य साथियों समेत धमकी देते हुए चले गए।

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