पाकिस्तान की सेना ने भी कबूल किया है इमरान खान का रूस जाना उनका अपना फैसला नहीं था बल्कि सेना भी साथ थी।

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पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान खुद को सत्ता से हटाए जाने के पीछे अमेरिका का हाथ बताते हैं। इमरान खान का कहना है कि वे यूक्रेन युद्ध की पूर्व संध्या पर रूस गए थे इसलिए अमेरिका उनसे नाराज हो गया और साजिश रचकर उन्हें सत्ता से बाहर करा दिया। 

लेकिन अब पाकिस्तान की सेना ने भी कबूल किया है इमरान खान का रूस जाना उनका अपना फैसला नहीं था बल्कि सेना भी साथ थी। इमरान खान ने पाकिस्तान की सर्वशक्तिमान सेना के इनपुट पर रूस का दौरा किया था। गुरुवार को पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस के महानिदेशक मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने इस बात को स्पष्ट किया। 

जनरल इफ्तिखार ने कहा कि यूक्रेन पर रूस का हमला अप्रत्याशित था। उन्होंने कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध छिड़ने से पहले इमरान खान की मास्को यात्रा की योजना बनाई गई थी और सेना पूरी तरह से इस फैसले के साथ थी।

उन्होंने कहा, “संस्थागत इनपुट था कि उन्हें (इमरान खान को) जाना चाहिए।” सैन्य प्रवक्ता ने एक सवाल के जवाब में कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान की रूस यात्रा के दौरान सेना उस यात्रा के समर्थन में थी लेकिन जब खान मास्को में थे तब रूस का यूक्रेन पर हमला करने को शर्मिंदगी का सबब बनने वाला बताया।

बता दें कि इमरान खान यह दावा करते रहे हैं कि उन्हें सत्ता से हटाने वाला अविश्वास मत लाने के पीछे विपक्ष को अमेरिका ने उकसाया था। उन्होंने कहा कि उन्हें पाक पीएम की कुर्सी से अमेरिकी सरकार के इशारे पर हटाया गया क्योंकि अमेरिका इमरान खान की मास्को यात्रा से नाराज हो गया था। 

इस बीच पाकिस्तानी सेना ने बृहस्पतिवार को कहा कि ‘‘राजनीति से उसका कोई लेना-देना नहीं ’’ है और वह भविष्य में भी अराजनीतिक बनी रहेगी। साथ ही, उसने जोर देते हुए कहा कि सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा अपना कार्यकाल बढ़ाने की मांग नहीं कर रहे हैं और वह 29 नवंबर को सेवानिवृत्त हो जाएंगे।

सेना की मीडिया शाखा- इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर)- के महानिदेशक (डीजी) मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने यह भी कहा कि पाकिस्तान का अस्तित्व मूल रूप से लोकतंत्र पर निर्भर है और इसकी मजबूती संस्थाओं में निहित है, चाहे वह संसद, उच्चतम न्यायालय या सशस्त्र बल ही क्यों ना हो। इमरान खान नीत सरकार के सत्ता से बेदखल होने के बाद सेना के खिलाफ सोशल मीडिया पर चले मुखर अभियान के बीच सैन्य प्रवक्ता का यह बयान आया है।

सैन्य प्रवक्ता ने संवाददाताओं से कहा कि पाकिस्तानी सेना का ‘‘राजनीति से कोई लेना-देना नहीं’’ है और इसने भविष्य में भी अराजनीतिक बने रहने का फैसला किया है। विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ ने कुछ दिन पहले पाकिस्तान के नये प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली है। देश में लंबे समय से चल रहे राजनीतिक उथल-पुथल के बाद शरीफ प्रधानमंत्री बने हैं।

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