रायबरेली : कृषि सूचना तंत्र के सुदृढीकरण योजनान्तर्गत एग्रो क्लाइमेटिक जोन स्तरीय विराट किसान मेले का आयोजन आई०टी०आई० मैदान दूरभाष नगर रायबरेली में मा0 विधायक सलोन अशोक कुमार के कर कमलों द्वारा फीता काटकर एवं दीप प्रज्ज्वलन कर शुभारम्भ किया गया। उप कृषि निदेशक विनोद कुमार द्वारा मेले में आये हुए कृषकों का स्वागत करते हुए विभाग में चल रही समस्त योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई, जिसमें मुख्य रूप किसानों को अपनी फार्मर रजिस्ट्री तैयार करने हेतु किसानों को जन सुविधा केंद्रों पर जाकर फार्मर रजिस्ट्री तैयार कराने हेतु प्रेरित किया और पी0एम कुसुम योजनान्तर्गत सोलर पम्प, यंत्रीकरण योजनान्तर्गत फार्म मशीनरी बैंक, कस्टम हायरिंग, एवं अन्य यंत्रों का लाभ प्राप्त करने हुए किसानों को विस्तार से जानकारी दी गई।
मा0 विधायक द्वारा स्टॉलों का अवलोकन किया गया और अपने संबोधन में किसानों से आह्वान किया गया कि मेले में कृषि वैज्ञानिकों द्वारा बताई गई तकनीकी जानकारी को अपने खेतों में अपनाकर अधिक उत्पाद प्राप्त कर सकते हैं। मा0 विधायक द्वारा 10 किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड तथा एक किसान को कस्टम हायरिंग सेन्टर की चाभी तथा दो महिला समूहों को रू० 10 हजार के चेक सौंपे गये। कृषि वैज्ञानिक डा0 आर0के0 कनौजिया द्वारा किसानों को गेहूं की बुवाई से लेकर फसल कटाई तक की जानकारी दी गई और गेहूँ में लगने वाले खरपतवार के नियंत्रण से सम्बन्धित विस्तार से जानकारी दी गई।
डा0 दीपक मिश्रा वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केन्द्र दरियापुर द्वारा दलहनी व तिलहनी फसलों में सल्फर के प्रयोग के बारे में विस्तार से जानकारी दी और जनपद में जिंक की कमी मिट्टी में मिल रही है, जिससे फसलों में पत्तियां पीली पड़ने लगती है, उसके निदान के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।
बागवानी फसलों के में डा0 एस0 बी0 सिंह द्वारा अम्बिका एवं अरूणिका आम की किस्मों को लगाने के बारे में जानकारी दी गई। आम की किस्मे प्राप्त करने के लिए पौधे का चुनाव करने में सावधानियां बरती जाये। मई के महीने में गड्ढा तैयार कर यूरिया डालकर पौधे को लगाया जा सकता है। स्ट्रॉबेरी के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी गई।
जिला कृषि अधिकारी अखिलेश पाण्डेय द्वारा अन्त में पी0एम0 प्रमाण योजना के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए नैनों यूरिया तथा नैनो डी0ए0पी0 के उपयोग को बढावा देने तथा उर्वरको के संतुलित उपयोग एवं मुख्य उर्वरकों के वैकल्पिक साधनों को बढावा देने, मृदा परीक्षण कराने तथा इसके आधार पर उर्वरकों का प्रयोग करने हेतु आह्वान किया गया। अन्त में अधिकारियों एवं किसानों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए प्रथम दिवस के मेले के समापन की घोषणा की गई।