गर्मियों में कितनी फायदेमंद है काली मिर्च?

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हर कोई जानता है कि बहुत अधिक नमक का सेवन आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, लेकिन किसी ने कभी भी काली मिर्च के संभावित प्रभाव का उल्लेख नहीं किया। क्या इसका आपके स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है? निश्चित रूप से, युगों से लोग यही सोचते होंगे। काली मिर्च पारंपरिक भारतीय (आयुर्वेदिक) दवा का हिस्सा रही है। आयुर्वेदिक चिकित्सकों का मानना ​​है कि इसमें ‘कार्मिनेटिव’ (वातहर) गुण होते हैं – यानी यह उदर वायु की शिकायत से राहत देती है। और पारंपरिक चीनी चिकित्सा पद्धति में काली मिर्च का उपयोग मिर्गी के इलाज के लिए किया जाता है।

एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर है काली मिर्च 
आधुनिक विज्ञान से पता चलता है कि काली मिर्च, मुख्य रूप से पिपेरिन नामक एक अल्कलॉइड के परिणामस्वरूप वास्तव में स्वास्थ्य लाभ प्रदान करती है। पिपेरिन वह रसायन है, जिसके कारण काली मिर्च स्वाद में तीखी और शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट होती है। एक अस्वास्थ्यकर आहार, बहुत अधिक धूप में रहना, शराब और धूम्रपान आपके शरीर में मुक्त कणों की संख्या को बढ़ा सकते हैं। इन अस्थिर अणुओं की अधिकता कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकती है, जिससे लोगों को तेजी से बुढ़ापा आ सकता है और हृदय रोग, कैंसर, गठिया, अस्थमा एवं मधुमेह सहित कई स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं। प्रयोगशालाओं में जानवरों और कोशिकाओं पर किए गए अध्ययनों से पता चला है कि पिपेरिन इन मुक्त कणों का प्रतिकार करता है।

सूजन और दर्द को कम करती है काली मिर्च 
एक अध्ययन में कुछ चूहों को कई समूहों में बांटा गया। इनमें से कुछ चूहों को सामान्य आहार खिलाया गया और कुछ को उच्च वसा युक्त आहार दिया गया। कुछ चूहों को उच्च वसायुक्त आहार के साथ पिपेरिन दिया गया तो कुछ को काली मिर्च युक्त उच्च वसायुक्त आहार। अध्ययन में पता चला कि जिन चूहों को काली मिर्च या पिपेरिन युक्त आहार दिया गया, उनमें मुक्त हानिकारक तत्व उन चूहों की तुलना में कम पाए गए, जिन्हें सामान्य उच्च वसायुक्त आहार दिया गया था। पिपेरिन में एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण भी होते हैं। पुरानी सूजन कई प्रकार की बीमारियों से जुड़ी होती है, जिसमें स्व-प्रतिरक्षित रोग शामिल हैं, यथा- संधिवात गठिया। यहां फिर से, जानवरों के अध्ययन से पता चला कि गठिया पीड़ित चूहों में पिपेरिन ने सूजन और दर्द को कम किया।

कैंसर से भी लड़ती है काली मिर्च
काली मिर्च करक्यूमिन के अवशोषण में भी सुधार कर सकती है, जो लोकप्रिय एंटी-इन्फ्लेमेटरी मसाला हल्दी का सक्रिय घटक है। काली मिर्च में कैंसर से लड़ने वाले गुण भी हो सकते हैं। परखनली अध्ययनों में पाया गया कि पिपेरिन ने स्तन, प्रोस्टेट और कोलन कैंसर कोशिकाओं में वृद्धि को कम कर दिया तथा कैंसर कोशिकाओं को समाप्त करने में सहायक भूमिका निभाई। अनुसंधानकर्ताओं ने विभिन्न प्रकार के मसालों से 55 यौगिकों की तुलना की और पाया कि सबसे खतरनाक स्तन कैंसर के एक विशिष्ट उपचार को प्रभावी बनाने में पिपेरिन सबसे कारगर रहा।

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