खेलो इंडिया पहली बार ग्रीष्मकालीन ओलंपिक मॉडल को अपनाकर एक ही स्थान/राज्य में दो खेलों की मेजबानी करेगा
नई दिल्ली : बिहार अगले साल अप्रैल में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 की मेजबानी करेगा। बिहार में युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय का यह प्रमुख आयोजन देश में खेलो इंडिया का एक नया अध्याय होगा।
पहली बार ग्रीष्मकालीन ओलंपिक की तर्ज पर बिहार में खेलो इंडिया पैरा गेम्स भी आयोजित किए जाएंगे। पैरा गेम्स युवा खेलों के बाद होंगे और दोनों खेलों के बीच 10 से 15 दिन का अंतर होगा। पैरा गेम्स का आयोजन पहली बार पिछले वर्ष दिल्ली में किया गया था।
केंद्रीय युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का दृष्टिकोण खेलो इंडिया गेम्स को देश के कोने-कोने तक पहुंचाना है। इसी दृष्टिकोण के अनुरूप, बिहार एक नहीं बल्कि दो खेलों की मेज़बानी करेगा। वर्ष 2047 तक विकसित भारत के सपने को साकार करने में खेल अहम भूमिका निभाएंगे। बिहार ने हाल ही में प्रमुख खेलों की मेजबानी करने की अपनी क्षमता को दर्शाया है।”
बिहार ने हाल ही में राजगीर में महिला एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी हॉकी चैंपियनशिप की मेजबानी की थी। इसी चैंपियनशिप में भारत ने चीन की पेरिस ओलंपिक कांस्य पदक विजेता को हराकर महाद्वीपीय खिताब जीता।
इससे पहले खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2023 का आयोजन जनवरी में तमिलनाडु में किया गया था। डॉ. मांडविया ने कहा कि हम खिलाड़ियों को देश भर में उपलब्ध सुविधाओं का अधिकतम लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। बिहार की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता सभी के लिए महत्वपूर्ण आकर्षण है। राज्य की विरासत को अपनाना एक मजबूत राष्ट्र के निर्माण के लिए आवश्यक है।
बिहार बुनियादी ढांचे को विकसित करने और खिलाड़ियों को सहायता प्रदान करने की मंत्रालय की योजनाओं का एक अभिन्न अंग है।
प्रतिभा को बढ़ावा देना खेलो इंडिया कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है और बिहार खेल विभाग के विकास कार्यक्रमों का भी बड़ा लाभार्थी है। बिहार में 38 खेलो इंडिया केंद्र और एक खेलो इंडिया राज्य उत्कृष्टता केंद्र है, जो सभी स्तरों के खिलाड़ियों की आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं। इसके अलावा बिहार में तीन भारतीय खेल प्राधिकरण प्रशिक्षण केंद्र भी हैं।
बिहार में होने वाले खेलो इंडिया युवा खेलों के बारे में अधिक जानकारी आने वाले सप्ताहों में साझा की जाएगी।