रविवार के दिन करें किस देवता की पूजा । और कब से करें व्रत की शुरुआत ।

0
260
रविवार के दिन करें किस देवता की पूजा । और कब से करें व्रत की शुरुआत जाने
जानेहमारे सनातन धर्म में सभी दिन किसी ने किसी देवी देवता को समर्पित माने जाते हैं ठीक उसी प्रकार रविवार का दिन भगवान सूर्य को समर्पित में आना जाता है अगर आप काफी दिक्कत या परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है या फिर सूर्य आपका बहुत ही कमजोर है तो आप अपने आराध्य भगवान सूर्य का व्रत अवश्य करें जैसा कि आप जानते हैं अगर सूर्य का प्रकाश 15 दिन तक पृथ्वी पर नहीं खुलता है तो सभी हरे-भरे पेड़ सूख जाते हैं और उनकी पत्तियां सूख कर जमीन पर गिर जाती है ठीक उसी प्रकार अगर आपके जीवन में सूर्य बहुत ही कमजोर है तो आपका जीवन दुख परेशानियों से गिर सकता है इसलिए सूर्य भगवान की पूजा अवश्य करें । यह व्रत माघ महीने या भाद्रपद महीने से ही शुरुआत करें और इस व्रत को या तो 20 रविवार या 1 वर्ष या 5 साल तक अवश्य करें मान्यता के अनुसार करें । सूर्य देव की पूजा सामग्रीलाल । लाल वस्त्र, तांबे का लोटा ,रोली ,चावल, चीनी, कपूर, धूप, दीप, हवन सामग्री, सूर्य भगवान की प्रतिमा, लाल पुष्प, और अगर आपके घर में सूर्य भगवान की प्रतिभा नहीं है तो तांबे की थाली में सूर्य की प्रतिमा गेरू से बनाकर भी आप भगवान सूर्य की पूजा कर सकती है घी, गुड़ ,इस दिन लाल वस्त्र का दान करें और लाल वस्त्र ही धारण करें। किस प्रकार करें भगवान सूर्य की पूजा , सबसे पहले आपको सुबह जल्दी उठकर घर की साफ सफाई करें क्योंकि किसी भी पूजा व्रत में घर की सफाई जरूर अवश्य करें अगर आपके घर में गंदगी रहेगी तो आपकी पूजा व्रत का फल आपको नहीं मिलेगा इसके बाद नहा धोकर स्वच्छ लाल वस्त्र धारण करें फिर भगवान सूर्य की पूजा करें और व्रत करने का संकल्प करें सुबह सूर्य की पहली किरण फूटती लालिमा के साथ ही भगवान सूर्य की पूजा अवश्य करें सबसे पहले आप पूजा घर या फिर घर के आंगन में ही पूजा करें अपने घर के आंगन में स्वच्छ पाटा रखें और उस पर लाल रंग के कपड़े का आसान बिछाए कोई भी पूजा बगैर आसन के कोई भी देवी देवता स्वीकार नहीं करते हैं फिर उस पर जल छिड़क कर भगवान सूर्य की प्रतिमा को स्थापित करें फिर विधि के अनुसारपूजा आरती कथा करें फिर भगवान सूर्य की प्रतिमा पर जल छिड़क लाल पुष्प चढ़ाए लाल चंदन लगाएं , पेड़ा ,चीनी, गुड का भोग अवश्य लगाएं आरती हवन करें सूर्य चालीसा और भगवान सूर्य की कथा करें जब आपके सभी व्रत श्रद्धा से पूर्ण हो जाए तो किसी योग्य ब्राह्मण से बुलाकर उद्यापन विधि जरूर करें क्योंकि बगैर उद्यापन विधि के पूजा संकल्प पूरा नहीं माना जाता है और किसी ब्राह्मण या फिर किसी गरीब दंपति को भोजन करा कर लाल वस्त्र का धदान दें । किस प्रकार दे भगवान सूर्य को अर्ध । भगवान सूर्य कोअर्घ्य तांबे के लोटे से दें। तांबे के लोटे मे जल ले तांबे के लोटे में रोली लाल पुष्प और चीनी या गुड अवश्य डालें और भगवान सूर्य केमंत्रों का जाप करके भगवान सूर्य को अर्घ्य दें से याद रहे अर्घ्य देते समय जल की छींटे पैर पर नहीं पढ़नी चाहिए । रविवार के दिन क्या खाना चाहिए ।रविवार के दिन सारा दिन फलाहारी रहना चाहिए इस दिन आपको मीठी चीज का सेवन करना चाहिए आप चाहे पेड़ा रबड़ी मखाने की खीर सिंघाड़े के आटे का हलवा खाएं और शाम को सूर्यास्त से पहले भोजन करें आपका भोजन भी मीठा ही खाना है चाहे गुड़ के साथ रोटी या दूध पराठा खा सकती है सूर्यास्त के बाद आपको कुछ ना तो खाना और ना ही जल पीना है दूसरे दिन सूर्य निकलने के बाद ही नहा धोकर स्वच्छ कपड़े पहनकर सूर्य को अर्घ्य देने के बाद ही आप व्रत को समाप्त कर सकते हैं । रविवार व्रत में क्या नहीं खाना चाहिए , रविवार व्रत में नमक का सेवन नहीं करना चाहिए ,तामसी भोजन नहीं करना चाहिए ,इस दिन आपको तेल मसाले से बनी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए, इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए, इस दिन किसी की बुराई चुगली नहीं करना चाहिए, इस दिन भगवान सूर्य से अपने व्रत को पूर्ण करने की प्रार्थना करनी चाहिए, और भगवान सूर्य से अपने परेशानियों से मुक्ति पाने के लिए विनती करनी चाहिए।









        

LEAVE A REPLY