किसने की थी सबसे पहले सरस्वती पूजा

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ज्योति त्रिवेदी/धर्म डेस्क लखनऊ: आज यानी कि 14 फरवरी 2024, बुधवार को बसंत पंचमी है। इस अवसर पर सरस्वती पूजा की जाती है। बसंत पंचमी के दिन ही मां सरस्वती का जन्म हुआ था। उन्होंने ही इस पूरी सृष्टि को वाणी, ज्ञान एवं संगीत दिया है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का पर्व मनाते हैं। इस तिथि को मां सरस्वती का प्राकट्य हुआ था। मां सरस्वती का दूसरा नाम वागेश्वरी भी है, इसलिए इस दिन वागेश्वरी जयंती भी मनाते हैं। क्या आप जानते हैं कि माता सरस्वती की पूजा सबसे पहले किसने की थी? आइए जानते हैं इसके बारे में…

श्रीकृष्ण ने की थी सबसे पहले सरस्वती पूजा


पौराणिक कथा के अनुसार, बह्मा जी के आवाहन पर माता सरस्वती प्रकट हुई थीं। उन्होंने जब भगवान श्रीकृष्ण को देखा, तो उनके रूप पर मोहित हो गईं। उनके मन में भगवान श्रीकृष्ण को पति के रूप में पाने की अभिलाषा होने लगी। भगवान श्रीकृष्ण तो अतंर्यामी हैं। उन्होंने माता सरस्वती के मन की बात जान ली।
तब उन्होंने माता सरस्वती से कहा कि वे राधा के प्रति ही समर्पित हैं। कृष्ण के साथ राधा का ही नाम जुड़ा है। कहा जाता है कि राधा माता लक्ष्मी जी का ही अवतार थीं। ऐसे में माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु एक दूसरे के पूरक हैं, फिर माता सरस्वती की भगवान श्रीकृष्ण को पति के रूप में पाने की अभिलाषा कैसे पूरी हो पाती?
बताया जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण और ब्रह्मा जी ने ही सबसे पहले मां सरस्वती की पूजा की थी। माता सरस्वती को प्रसन्न करने के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने उनको वरदान दिया था कि जो भी व्यक्ति माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी को सरस्वती पूजा करेगा, उसे ज्ञान प्राप्ति में सफलता प्राप्त होगी।
भगवान श्रीकृष्ण के वरदान के कारण भी बसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती की पूजा होती है। हालांकि मां शारदा का इस तिथि को जन्मदिन भी है, इस वजह से उनको प्रसन्न करने के लिए पूजा की जाती है।

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