साहित्य प्रज्ञा सम्मान से सम्मानित हुए साहित्यकारमहर्षि दयानंद और आर्य समाज का योगदान अप्रतिम–आचार्य अखिलेश आर्येन्दु

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रायबरेली : महाकुंभ,प्रयागराज । नवजागरण काल में आजादी की प्रेरणा देने, गुरुकुलीय शिक्षा प्रणाली के उद्धारक, वेदों की ओर जनमानस को चलने का आहृवान, समाज के अतिशोषित , दलित और उपेक्षितों को उनका हक दिलाने के लिए संघर्ष, तमाम समा‌ज, साहित्य, संस्कृति, भाषा और वैदिक धर्म के पुनरोध्दार कार्यो से जाने जाने वाले, अपने गुणों, कार्यो से समाज को नई दिशा देने वाले युग निर्माता स्वामी दयानन्द के जन्म के दो शताब्दी वर्ष उन्हें याद करने की आज बहुत जरूरत है। इससे समाज को प्रेरणा, ज्ञान शक्ति मिलती है, ये उद्‌गार वैदिक आचार्य साहित्यकार व वरिष्ठ पत्रकार अखिलेश आर्येंदु(दिल्ली) ने महाकुंभ क्षेत्र में आयोजित आर्य लेखक परिषद दिल्ली के साहित्यकार सम्मेलन में व्यक्त किए।
२२ फरवरी को राष्ट्रीय साहित्यकार सम्मेलन का आयोजन ओल्ड जीटी रोड शंकराचार्य मार्ग स्थित श्रेष्ठ समाज परिसर में किया गया। देश के तमाम प्रान्तों से आए साहित्यकारों ने हिस्सा लिया । समारोह के मुख्य अतिथि साहित्य‌कार एवं वैश्विक हिंदी महासभा के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ०विजयानन्द ने कहा- महर्षि दयानंद का यह द्विशताब्दी वर्ष चल रहा है।उनके कृतित्व व व्यक्तित्व का मूल्यांकन मौजूदा समय में होना जरूरी है। जिससे नई पीढ़ी में लगाव पैदा होगा, जो तमाम समस्याओं के समाधान का कारण हो सकता है। महर्षि द्वारा स्थापित आर्यसमाज के 150 साल भी पूरे हो रहे हैं। आर्य समाज का समाज सुधार, धर्म , शिक्षा, भाषा , संस्कृति और राष्ट्रीय एकता के योगदान अप्र‌तिम है। हमें नई पीढ़ी को इसे बताने की जरूरत है। दिल्ली उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता सतेन्द्र कुमार वशिष्ठ ने कहा -आर्यस‌माज ही एकमात्र ऐसी संस्था है जो कट्टरता व धर्म के नाम पर हिंसा का जबाव देने में सक्षम है। उन्होंने कहा, गुरुकुलीय शिक्षा व घर वापसी के कार्य मौजूदा दौर में जरूरी है। डॉ इन्दु जौनपुरी ने नागरी लिपि पर प्रकाश डाला , तो डॉ आलोक विश्वकर्मा ने महर्षि दयानन्द के कार्यों को बताया। सम्मेलन में सोलह साहित्यकारों को ‘प्रज्ञा सम्मान’ सम्मान से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में वरिष्ठ साहित्यकार व पत्रकार आचार्य अखिलेश आर्येन्दु लिखित पुस्तक ‘शाकाहार: विश्व शान्ति एवं सर्वोत्तम स्वास्थ्य का आधार व आर्य लेखक परिषद द्वारा प्रकाशित व आचार्य अखिलेश आर्येन्दु द्वारा संपादित स्मारिका ‘आर्ष प्रज्ञा पुंज ‘ का लोकार्पण किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता लोकेश शर्मा ने की।
कार्यक्रम में सर्वश्री देवी प्रसाद पाण्डेय, मनोज फगवाड़वी, डॉ०इंदु जौनपुरी, दीपांकर गुप्त,नन्द किशोर साहू ,ईश्वरचन्द्र जायसवाल,गंगा प्रसाद त्रिपाठी आदि ने काव्यपाठ किया।
कार्यक्रम की शुरुआत वेद मंत्रों के पाठ से हुई। शान्तिपाठ के साथ सम्मेलन सम्पन्न हुआ।

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