रायबरेली : मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ नवीन चंद्रा ने बताया है कि प्रदेश में असुरक्षित गर्भपात के फलस्वरूप होने वाली मातृ-मृत्यु का प्रतिशत 8.9 है। देश में प्रतिवर्ष लगभग 15000 माताओं की मौत असुरक्षित गर्भपात से हो जाती है। उ०प्र० 80 प्रतिशत महिलाएं ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है। ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं में जानकारी का अभाव है साथ ही गर्भ निरोधको के प्रभावी उपयोग का प्रचलन भी कम है। इसलिए अनचाहे गर्भ धारण की सम्भावना बढ़ जाती है। सुरक्षित गर्भपात सेवायें अधिकतम शहरी क्षेत्रों में ही उपलब्ध है। प्रदेश में केवल 25 प्रतिशत गर्भपात सरकारी केंद्रों में होते है और वे ही रिपोर्ट किये जाते है, शेष 75 प्रतिशत गर्भपात प्राइवेट क्लीनिकों में होते है, जिसमें अधिकतर सुरक्षित गर्भपात सेवाओं के लिए अधिकृत नहीं है और पंजीकरण न होने के कारण न ही उनके आंकड़े प्राप्त होते है और न ही उनकी गुणवत्ता मानकानुसार होने का पता लगता है। इन क्लीनिकों में सेवाओं भी इतनी महंगी होती है कि ग्रामीण महिलाएं इस खर्चे को वहन नहीं कर पाती है।
मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया है कि सुरक्षित चिकित्सकीय गर्भपात सेवाएं प्रदान करने के लिए सेवा प्रदाता चिकित्सकों, निजी क्लीनिकों व चिकित्सालयों को इस अधिनियम के अन्तर्गत पंजीकृत एवं विनियमित किया जाना है।
इन सेवाओं को उपलब्ध कराने हेतु सरकारी/ गैर सरकारी/निजी चिकित्सालय / नर्सिंग होम/चिकित्सीय संस्थान एवं प्रशिक्षित सेवाओं प्रदाता यदि इच्छुक है तो कार्यालय मु०चि०अ०, रायबरेली में निर्धारित प्रारूप पर एम०टी०पी० हेतु 26 फरवरी 2025 तक अपना आवेदन उपलब्ध करा सकते है।
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