राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन संपन्न
रायबरेली : राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण व उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशानुसार आज राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन जनपद न्यायालय रायबरेली में माननीय जनपद न्यायाधीश राजकुमार सिंह की अध्यक्षता में तथा राष्ट्रीय लोक अदालत के नोडल अधिकारी अमित पाण्डेय, अपर जिला जज की उपस्थिति में किया गया, जिसमें कुल 1,71,183 वाद निस्तारित किये गये। राष्ट्रीय लोक अदालत में न्यायिक अधिकारियों द्वारा कुल 5870 वाद निस्तारित हुए।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायबरेली के सचिव अपर जिला जज अनुपम शौर्य के द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया कि इस राष्ट्रीय लोक अदालत में माननीय जनपद एवं सत्र न्यायाधीश राजकुमार सिंह के द्वारा कुल 2 वाद का निस्तारण किया गया, जिसमें समझौता धनराशि रु0 9,79,781, प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय अनुपमा गोपाल निगम के द्वारा 35 वाद, मोटर दुर्घटना दावा प्राधिकरण के प्रभारी पीठासीन अधिकारी ध्रुव कुमार तिवारी के द्वारा 34 वाद एवं प्रतिकर धनराशि 3,06,95,000, विशेष न्यायाधीश(एस0सी0/एस0टी0एक्ट) प्रतिमा द्वारा 1 वाद, द्वितीय अपर जनपद न्यायाधीश अमित पाण्डेय द्वारा 1 वाद व प्रतिकर धनराशि रु0 68,168, चतुर्थ अपर जिला जज/विशेष न्यायाधीश ई0सी0एक्ट के द्वारा 100 वाद तथा प्रतिकर धनराशि रु0 37,17,261, षष्टम अपर जनपद न्यायाधीश प्रभात कुमार यादव के द्वारा 1 वाद व अर्थदण्ड धनराशि 500, सप्तम अपर जनपद न्यायाधीश अभिषेक सिन्हा के द्वारा 01 वाद, विशेष न्यायाधीश पाक्सो आलोक कुमार सिंह द्वारा 7 वाद एवं रु0 4000 का अर्थदण्ड, अपर जिला जज एफ0टी0सी0-प्रथम विद्याभूषण पाण्डेय के द्वारा 03 वाद, अपर जिला जज/एफ0टी0सी0-द्वितीय सुशील कुमार वर्मा के द्वारा 5 वाद एवं रु0 2000 का अर्थदण्ड, अपर जिला जज/एफ0टी0सी0-तृतीय विमल त्रिपाठी के द्वारा 3 वाद एवं रु0 1500 का अर्थदण्ड, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पवन कुमार सिंह के द्वारा 1587 वाद एवं रु0 2,05,500 का अर्थदण्ड, सिविल जज(सी0डि0) श्रीमती अनिशा के द्वारा 11 वाद व समझौता धनराशि रु01,03,59,458 अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम अमोद कंठ के द्वारा 784 वाद एवं रु0 1,99,850 का अर्थदण्ड, अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट-द्वितीय प्रभाष कुमार त्रिपाठी के द्वारा 1417 वाद एवं रु0 4,01,000 का अर्थदण्ड, चतुर्थ अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट डा0 विवेक कुमार-द्वितीय के द्वारा 650 वाद एवं रु0 66140 का अर्थदण्ड, अपर प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय प्रथम चन्द्रमणि मिश्रा के द्वारा 14 वाद, अपर प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय द्वितीय रचना सिंह के द्वारा 17 वाद, अपर सिविल जज(वरिष्ठ संवर्ग) नीरज सिंह द्वारा 560 वाद एवं रु0 1,11,920 का अर्थदण्ड, सिविल जज(कनिष्ठ संवर्ग) खैरुननिशाँ के द्वारा 10 वाद निस्तारित किये गये तथा प्रतिकर धनराशि रु0 15,41,730 न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय ज्योति प्रकाश सिंह के द्वारा 184 वाद व अर्थदण्ड रु0 3000, सिविल जज(सी0डि0)/एफ0टी0सी0 दिव्या सिंह के द्वारा 02 वाद, सिविल जज(जू0डि0) डलमऊ वसुन्धरा शर्मा, रायबरेली के द्वारा 11 वाद व समझौता धनराशि रु0 15,74,812 अपर सिविल जज(जू0डि0) प्रथम श्रेया सोलंकी के द्वारा 65 वाद व रु0 1020 का अर्थदण्ड, अपर सिविल जज(जू0डि0)/जे0एम0 द्वितीय शिवम वर्मा के द्वारा 69 वाद व रु0 10,720 का अर्थदण्ड ग्राम न्यायालय तहसील-लालगंज देवेश कुमार यादव के द्वारा 15 वाद व रु0 150 अर्थदण्ड, ग्राम न्यायालय तहसील-सलोन अंकित कुमार सिन्हा के द्वारा 44 वाद व अर्थदण्ड रु0 440, ग्राम न्यायालय तहसील-ऊँचाहार मनु गुप्ता के द्वारा 73 वाद व अर्थदण्ड रु0 730, अपर सिविल जज (कनिष्ठ संवर्ग) तृतीय शमवील रिजवान के द्वारा 134 वाद व अर्थदण्ड रु0 3550, विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट (लघु वाद) एच0एन0 मिश्रा के द्वारा 20 वाद व अर्थदण्ड रु0 200 निस्तारित कर जमा कराये गये। इसके अतिरिक्त जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष श्री मदन लाल निगम द्वारा 22 वाद निस्तारित करते हुए रु0 7,71,816 समझौता धनराशि तय की गयी। जनपद रायबरेली के समस्त विभागों के द्वारा प्री-लिटिगेशन के माध्यम से कुल 1,69,603 वादों का निस्तारण करते हुए कुल समझौता धनराशि रु0 6,83,54,144(छः करोड़ तिरासी लाख चौव्वन हजार एक सौ चौव्वालिस रुपये) तय की गयी। इस प्रकार जनपद रायबरेली में राष्ट्रीय लोक अदालत में सभी विभागों द्वारा कुल 1,71,183 मामले तय किये गये।
इस लोक अदालत में अन्य मामलों के साथ-साथ बड़ी संख्या में ई-चालान के मामले, चेक बाउंस(एन0आई0एक्ट) के मामले तथा वैवाहिक विवाद के मामले निस्तारित किये गये। तलाक के मुहाने पर खड़े 34 जोड़ों का सुलह-समझौता कराकर वापस भेजा गया। राष्ट्रीय लोक अदालत में जिला कारागार रायबरेली में बंदियों द्वारा बनाई गई सामग्री की प्रदर्शनी दीवानी न्यायालय में प्रदर्शित की गयी, जिसमें बड़ी संख्या में आमजन द्वारा प्रतिभाग किया गया। आमजन की सहायता के लिए न्यायालय परिसर में कई जगह सहायता पटल व हेल्प डेस्क बनाये गये।
